भिवानी-फतेहाबाद सहित चार जिलों में PM और CM के पोस्टरों पर कालिख पोतने पर घमासान, आमने -सामने आई कांग्रेस-बीजेपी
हरियाणा के भिवानी, फतेहाबाद आदि जिलों में पीएम और सीएम के पोस्टरों पर कालिख पोतने से राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने इसे बीजेपी की साजिश बताया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रही हैं।

फतेहाबाद: युवा कांग्रेसी पोस्टर पर कालिख पोतते हुए। l सौजन्य इंटरनेट मीडिया।
जागरण संवाददाता l फतेहाबाद/सिरसा। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा करनाल, फतेहाबाद और सिरसा और भिवानी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सैनी के पोस्टरों पर काली स्याही पोतकर किए गए प्रदर्शन ने प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया। जिसके बाद पुलिस से लेकर प्रशासन तक पूरे मामले में सक्रिय हो गया। कांग्रेसी जहां इस मामले में वोट चोरी के आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं भाजपाई इसे औछी हरकत करार दे रहे हैं।
भिवानी में पोस्टरों पर वोट चोर लिखने पर यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद वहां खूब हंगामा हुआ। वहीं करनाल में भाजपाइयों ने मामले की शिकायत पुिलस को दी। जिलों में हुई यह घटनाएं इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। इंटरनेट मीडिया पर वोट चोरी िलखने के साथ युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वीडियो दिनभर चर्चा का वि षय बने रहे। इस घटना से भाजपाइयों में रोष बना हुआ है।
वहीं, पुलिस प्रशासन मामले को शांत कराने के लिए दोनों दलों के नेताओं से अपील करती नजर आई। फिलहाल, कोई हिसंक घटना न हो इसके िलए प्रशासन ने मोर्चा संभाल रखा है। भाजपाईयों ने इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया। सिरसा सिविल लाइन पुलिस ने शिकायत के आधार पर चार आरोपितों नवदीप कंबोज, शिवराज, आनंद भांभू और गौरांश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, दो आरोपित अभी फरार है।
करनाल: युवा कांग्रेस नेताओं ने बस स्टैंड पर सीएम और पीएम के पोस्टरों पर कालिख पोत दी। इसके बाद वीडियो वायरल कर दी। इस पर भाजपा नेताओं ने इसको लेकर रोष जाहिर किया। भाजपा नेता त्रिलोचन सिंह ने इस मामले में केस दर्ज करने को लेकर एसपी करनाल को शिकायत दी है। यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रजत समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं को आरोपित बनाया गया है। भाजपा नेता त्रिलोचन ने कड़ी आलोचना की है।

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