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    स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से बनवाना होगा दिव्यांगता का प्रमाण पत्र

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 29 Jun 2022 06:19 PM (IST)

    जागरण संवाददाता सिरसा स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से यूडीआइडी कार्ड अनिवार्य रूप से बनवाना ह

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    स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से बनवाना होगा दिव्यांगता का प्रमाण पत्र

    जागरण संवाददाता, सिरसा : स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से यूडीआइडी कार्ड अनिवार्य रूप से बनवाना होगा। अन्यथा उन्हें दिव्यांग श्रेणी के तहत मिलने वाले तमाम लाभों से वंचित होना पड़ सकता है। इसके लिए आयुक्त दिव्यांगजन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा द्वारा प्रदेश के तमाम जिला उपायुक्तों को जारी निर्देशों की पालना में 31 अगस्त 2022 से पहले स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से यूडीआइडी कार्ड अनिवार्य रूप से बनवाना होगा। मीटिग में लिया फैसला

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    मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्म प्रकाश मेहरा ने बताया कि निदेशालय स्तर पर मीटिग में प्रदेश के तमाम जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को इस बाबत निर्देश जारी किए गए हैं कि प्रदेश के तमाम दिव्यांग कर्मचारियों के 31 अगस्त 2022 से पहले पहले स्वावलंबन पोर्टल के माध्यम से यूड़ीआइडी कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें व निर्धारित समय अवधि में यदि दिव्यांगजन अपने यूडी आईडी कार्ड प्रस्तुत नहीं करते हैं तो उन्हें दिव्यांग श्रेणी के तहत दिए जाने वाले तमाम लाभों पर रोक लगा दी जाए और हमने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी कर तमाम अधीनस्थ दिव्यांग कर्मचारियों के यूडी आइडी कार्ड बनवाना सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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    आनलाइन तबादला नीति में मिलेंगे अतिरिक्त अंक

    समग्र शिक्षा अभियान के दिव्यांगजन में नियुक्त सहायक नोडल अधिकारी बंसी लाल झोरड़ ने बताया कि सभी दिव्यांग कर्मचारियों व दिव्यांग विद्यार्थियों के यूडी आईडी बनवाना सुनिश्चित कर रहे हैं क्योंकि दिव्यांगजन को आनलाइन तबादला नीति में अतिरिक्त अंक, दिव्यांग वाहन भत्ता, अतिरिक्त चार्ज में छूट, क्षेत्रीय कार्यों में ड्यूटी, चुनावी ड्यूटी में छूट जैसी अनेक सुविधाएं दिव्यांग श्रेणी के तहत प्रदत है। लेकिन अनेक दिव्यांगजन द्वारा 15 से 20 वर्ष पूर्व प्रमाण पत्र विभाग में प्रस्तुत किए हुए हैं। जबकि इलाज के द्वारा अनेक दिव्यांगजन की दिव्यांगता में सुधार हो गया है। ऐसे में विभाग द्वारा वर्तमान स्थिति में दिव्यांगता की पुन: जांच के निर्देश दिए गए हैं ताकि पात्र दिव्यांगजन को ही श्रेणी के तहत मिलने वाले लाभ जारी रखे जा सके।