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    सिरसा में कुकर्म के दोषी बाबा को 20 साल की सजा, साफ-सफाई के बहाने बुलाकर नाबालिग के साथ किया था गलत काम

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 08:04 PM (IST)

    सिरसा की अदालत ने बाबा रमनगिरी को 13 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई और 77 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। रमनगिरी जो शेरा वाली माता मंदिर में पुजारी था ने बच्चे को मंदिर में सफाई के बहाने बुलाया और अपराध किया। पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद रमनगिरी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

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    कुकर्म के दोषी बाबा रमनगिरी को कोर्ट ने सुनाई 20 साल की कैद और 77 हजार रुपये जुर्माना की सजा।

    जागरण संवाददाता, सिरसा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. नरेश कुमार सिंघल की कोर्ट ने 13 साल के नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म के दोषी बाबा रमनगिरी को 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उसे कुल 77 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। कोर्ट ने पॉक्सो अधिनियम के तहत 20 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना, आईपीसी 506 के तहत 2 वर्ष, 2 हजार जुर्माना तथा आईटी अधिनियम की धारा 67- बी के तहत तीन वर्ष और 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

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    मामले की पैरवी लोक अभियोजक अमित मेहता ने की थी। रमनगिरी मूल रूप से पंजाब के मोगा मंडी का रहने वाला है और डिंग मंडी में शेरा वाली माता मंदिर में रहता था। लोक अभियोजक अमित मेहता ने बताया कि मामला डिंग थाना क्षेत्र में 2 अप्रैल 2020 को दर्ज हुआ था। पीड़ित नाबालिग के पिता ने पुलिस को बताया कि उसके 13 वर्षीय नाबालिग बेटे से शेरा वाली माता मंदिर के पुजारी बाबा रमनगिरी ने एक अप्रैल 2020 को मंदिर में साफ सफाई के बहाने से बुलाया।

    इसके बाद उसके साथ कुकर्म किया। बच्चा जब परेशान और उदास रहने लगा तो बार-बार पूछने पर उसने अपने साथ हुई कुकर्म की घटना की जानकारी दी। जिसके बाद रमनगिरी के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। पुलिस के समक्ष रमनगिरी ने माना कि मंदिर में सफाई के दौरान उसके मन में बुरे विचार आए और उसने बच्चे के साथ गलत काम किया।

    केस की सुनवाई के दौरान अनुसंधान अधिकारी द्वारा मोबाइल डाटा, सीडीआर, मेडिकल रिपोर्ट और पीड़ित के बयान सहित अनेक प्रमाण प्रस्तुत किए गए। साथ ही अभियोजन पक्ष द्वारा पुख्ता साक्ष्य और गवाह रखे। जिसके आधार पर कोर्ट ने दोषी को सख्त सजा सुनाई।