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    13 करोड़ पानी में! पुल बनना था कहीं, बना दिया कहीं... सिरसा में गजब हो गया

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:35 PM (IST)

    सिरसा जिले के पनिहारी गांव में घग्गर नदी पर बन रहे पुल को लेकर विवाद है। ग्रामीणों का आरोप है कि पनिहारी-अलीकां रोड के लिए स्वीकृत पुल का मार्ग बदलकर रंगा-रोडी रोड की ओर कर दिया गया है, जिससे अलीकां के 70 परिवारों की कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त से जांच की मांग की है।

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    सिरसा में स्वीकृत रोड की बजाय दूसरी राह पर बना दिया 13 करोड़ का पुल। प्रतीकात्मक तस्वीर

    सनमीत सिंह थिंद, सिरसा। सिरसा जिले के पनिहारी गांव के पास घग्गर नदी पर निर्माणाधीन पुल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल मूल रूप से पनिहारी-अलीकां रोड को जोड़ने के लिए स्वीकृत हुआ था, लेकिन अब इसका रुख रंगा-रोडी रोड की तरफ मोड़ दिया गया है।

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    इस बदलाव के कारण अलीकां गांव के करीब 70 परिवारों की सीधी कनेक्टिविटी टूट गई है और उन्हें अब पुल तक पहुंचने के लिए लगभग 10 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ रहा है। इस पुल की घोषणा वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत हुई थी और वर्ष 2020 में इसके लिए 13 करोड़ 72 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई।

    लेकिन जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो ग्रामीणों ने देखा कि पुल उस दिशा में नहीं बनाया जा रहा जिसकी घोषणा हुई थी। इस पर ग्रामीणों ने 17 जुलाई 2025 को पीडब्लूडी विभाग से आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी। विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में पुल को “पनिहारी-अलीकां रोड” पर दर्शाया गया है। इन दस्तावेजों में कहीं भी रंगा-रोडी रोड का उल्लेख नहीं है।

    एक दिशा में तकनीकी समस्या बता रहा विभाग

    अलीकां गांव के देवेंद्र संधू, बलदेव सिंह पंच और कुलदीप सिंह सहित कई ग्रामीणों का कहना है कि विभाग रंगा-रोडी रोड को प्राथमिकता दे रहा है जबकि योजना अलीकां के लिए बनी थी। नदी के दोनों ओर सड़कें पंचायती जमीन से होकर गुजरती हैं, लेकिन विभाग केवल एक दिशा में समस्या बता रहा है।

    वहां बनाया तो एक्सीडेंटल जोन बन जाएगा: विभाग

    वहीं, पीडब्लूडी के कार्यकारी अभियंता कमल दीप सिंह राणा का कहना है कि रंगा-रोडी रोड विभागीय स्वीकृत सड़क है, जबकि अलीकां की ओर जाने वाला मार्ग पंचायत की है और यदि उसी पर पुल जोड़ा जाता तो वह स्थान एक्सीडेंटल जोन बन जाता। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग ने अलीकां की ओर कनेक्टिविटी के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार किया है।

    गांव के चंदे से बना 90 लाख का पुल गिरा दिया

    अलीकां के ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने योजना से हटकर पुल का रुख बदल दिया है।। पहले उनके घरों के पास से पुल होकर जाता था, अब उन्हें कई किलोमीटर घूमकर पुल तक जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ने पहले से बने एक पुराने पुल को भी तोड़ दिया है, जिसे 2015 में ग्रामीणों ने अपने खर्च से लगभग 90 लाख रुपये की लागत से बनवाया था।

    डीसी को शिकायत सौंपी, जांच की मांग

    ग्रामीणों ने इस मामले में जिला उपायुक्त शांतनु शर्मा को शिकायत सौंपकर जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि पुल का निर्माण पहले से तय दिशा में होता तो गांव की कनेक्टिविटी बनी रहती और विभाग को अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता भी न पड़ती। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि विभाग को तकनीकी दिक्कतें थीं तो पहले ही बातचीत करके समाधान निकाला जा सकता था।