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    दादी पोती हत्याकांड का आरोपी बरी

    By Edited By: Updated: Tue, 13 May 2014 10:52 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, सिरसा : ऐलनाबाद के बहुचर्चित दादी पोती हत्याकांड मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश संगीता राय की अदालत ने मंगलवार को सबूत के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया है।

    अभियोजन पक्ष के अनुसार 5 मई 2011 को ऐलनाबाद के वार्ड नंबर आठ में अनाज मंडी में दलाली का काम करने वाले अशोक कुमार के घर में घुसकर अपराधी ने उसकी मां बिमला व 11 वर्षीय बेटी महक की हत्या कर दी थी। साथ ही अशोक कुमार के घर से 2.80 लाख रुपये लूट लिए थे। इसके आरोप में पुलिस ने अशोक कुमार के मुंशी सुभाष को गिरफ्तार किया था। पुलिस के सामने सुभाष ने अपराध कबूल भी कर लिया था। लेकिन इस मामले में पुलिस सबूत जुटाने में नाकामयाब रही और न्यायाधीश ने करीब तीन साल से जेल में बंद आरोपी सुभाष को बरी करने का आदेश दिया है।

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    यह था पूरा मामला

    पुलिस ने पीड़ित अशोक कुमार जिंदल पुत्र बाबूलाल की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में अभियोग दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में अशोक कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्‍‌नी सरोज व बेटे शुभम के साथ सिरसा में विवाह समारोह में भाग लेने के लिए गया था। उनके घर पर उसकी मा बिमला (68) व उसकी पुत्री महक (11) थे। पीछे से लूटपाट की मंशा से अज्ञात लोगों ने उसकी माता व पुत्री की निर्मम हत्या कर दी व उनके घर से 2.80 लाख रुपये लेकर फरार हो गये। पुलिस ने अशोक कुमार की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ अभियोग दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी।

    शक के आधार पर किया सात को किया था काबू

    दादी-पोती हत्याकांड में पुलिस ने शक के आधार पर सात को हिरासत में लिया था। ये वे लोग हैं जो कुछ समय से अशोक जिंदल के घर कारपेंटर के तौर पर काम कर रहे थे। पकड़े गए सातों लोग अशोक कुमार के घर में लकड़ी मिस्त्री के रूप में काम कर रहे थे। इनमें से एक व्यक्ति गाव नीमला का, जबकि अन्य सभी ऐलनाबाद के रहने वाले थे। उन सभी के मोबाइल ट्रेस किए गए थे। बाद में इन लोगों को छोड़ दिया गया था और शक के दायरे में मुनीम सुभाष को लिया गया और उसी के खिलाफ अभियोग चला।

    आठ घंटे बंद रहा था शहर

    - मुख्यमंत्री के आश्वासन पर शव का पोस्टमार्टम कराया गया था।

    व्यापारी की बेटी और मां की नृशंस हत्या के बाद उबाल रहा। गुस्साए लोगों ने ऐलनाबाद के करीब-करीब सभी मार्ग पर जाम लगा दिया था। आठ घंटे ऐलनाबाद जाम रहा। लोगों ने हत्यारों की गिरफ्तारी तक शव लेने से इनकार कर दिया था। बाद में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद लोग पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए थे।

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    घटना से व्यथित व्यापारी ने परिवार सहित छोड़ा शहर

    संवाद सूत्र, ऐलनाबाद : अपनी मा व पुत्री की हत्या से व्यथित आढ़ती अशोक ने अपने परिवार सहित घटना के करीब एक माह बाद ही अपना घर व शहर छोड़ दिया। उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के परिवार को इस मकान की जिम्मेवारी सौंप दी तथा स्वयं अपनी पत्‍‌नी सरोज व बेटे शुभम के साथ दिल्ली रहने के लिए चले गए। फोन पर उन्होंने बताया कि वे इस समय दिल्ली के करोलबाग में मोबाइलों का कारोबार करते है। घटना के बाद ऐलनाबाद में उसी मकान में रहना उनके लिए आसान नहीं था। हर समय अपनी मा व बेटी की यादें उन्हे व्यथित करती रहती थीं। यहां रहने के बावजूद वे अपनी मां व बेटी को भूल नहीं पाए है। शुभम ने बताया कि इस फैसले वे बिलकुल संतुष्ट नहीं है। इसके खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जाएंगे।

    एक वर्ष पूर्व अशोक फिर बने पुत्री के पिता

    घटना के एक वर्ष बाद ही अशोक कुमार एक बेटी के पिता बने। अपनी दिवंगत पुत्री महक की यादों को ताजा रखने के लिए अशोक व सरोज प्यार से अपनी बच्ची को महक नाम से ही बुलाते है।

    विश्वास था बेटा घर वापस आएगा : सतपाल

    सुभाष के बरी होने का फैसला जैसे ही उसके पिता सतपाल ने सुना, उसकी आखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। उसने बताया कि उसका बेटा लाखों में एक है। उसका बेटा कभी इतना घिनौना कार्य कर ही नहीं सकता था। उसे अपने बेटे पर पूरा विश्वास था और अब अदालत ने उसके बेकसूर होने पर मोहर लगाकर उसे जीने का नया मकसद दे दिया है। सतपाल ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे खुशी का दिन है।