आप जानते हैं छेड़छाड़ पर हो सकती है 7 साल की सजा
जागरण संवाददाता, रोहतक : निर्भया केस के बाद कानून में बदलाव हुआ है। वर्ष 2013 में जब का
जागरण संवाददाता, रोहतक : निर्भया केस के बाद कानून में बदलाव हुआ है। वर्ष 2013 में जब कानून में संशोधन हुआ तो छेड़छाड़ की धारा 354 में सख्त सजा का प्रावधान कर दिया है। पहले छेड़छाड़ के दोषी को दो वर्ष की सजा होती थी, लेकिन अब सात वर्ष तक सजा का प्रावधान नए कानून के तहत कर दिया है। एडवोकेट जितेंद्र हुड्डा बताते हैं कि छेड़छाड़ के मामले को अलग-अलग सब सेक्शन में सजा का अलग-अलग प्रावधान किया गया है। अब धारा 354 के तहत छेड़छाड़ के मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम सात साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। आइपीसी की धारा-354 में कई सब सेक्शन बनाए गए हैं। इसके तहत छेड़छाड़ के लिए अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान किया गया है। आइपीसी की धारा-354ए, 354बी, 354सी और 354डी बनाया गया है। धारा 354 एक के चार पार्ट हैं। झूठी शिकायत करने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ ही आइपीसी की धारा 182 के तहत कार्रवाई हो सकती है, जिसमें एक वर्ष तक की सजा हो सकती है।
- धारा 354ए
अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ फिजिकल टच करता है या फिर ऐसा कंडक्ट दिखाता है जो सेक्सुअल कलर लिया हुआ हो तो 354 ए पार्ट 1 लगेगा। इसी तरह सेक्सुअल डिमांड करने पर पार्ट 2, मर्जी के खिलाफ पोर्न दिखाने पर पार्ट 3 और सेक्सुअल कलर वाले कंमेंट पर पार्ट 4 लगता है। 354 ए के पार्ट 4 में एक साल तक कैद जबकि बाकी तीनों पार्ट में 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।
- धारा 354बी
नए कानून के तहत अगर कोई शख्स जबरन महिला के कपड़े उतरवाता है या फिर उकसाता है तो धारा-354 बी के तहत केस दर्ज होगा और दोषी को 3 साल से लेकर 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है और मामला गैर जमानती होगा।
- धारा 354सी
महिला के प्राइवेट एक्ट का फोटोग्राफ लेना और बांटने के मामले में आईपीसी की धारा-354 सी लगती है दोषी को एक साल से तीन साल तक कैद का प्रावधान है दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3 साल से 7 साल तक कैद की सजा हो सकती है और यह गैर जमानती अपराध होगा।
- धारा 354डी
लड़की या महिला का पीछा करना और संपर्क करने का प्रयास यानी स्टॉ¨कग के मामले में आइपीसी की धारा-354डी के तहत केस दर्ज होगा और दोषी को तीन साल तक कैद हो सकती है।
ऐसे करें शिकायत
अगर किसी के साथ छेड़छाड़ की घटना होती है तो वह किसी भी थाने में शिकायत दे सकती है। पुलिस को बिना किसी देरी पर शिकायत के आधार पर एफआइआर दर्ज करनी होगी। इसके अलावा पुलिस के कंट्रोल नंबर 100, महिला हेल्पलाइन 1091 और महिला थाना प्रभारी 8199001091 पर फोन करके घटना के बारे में जानकारी दे सकते हैं। सभी जिला में अलग से महिला पीसीआर और महिला राइडर को भी सूचित किया जा सकता है।
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