सूक्ष्म उद्योगों क लिए है ऋण की व्यवस्था: एडीसी
- स्वयं सहायता समूह किसान उत्पादन संगठन व अन्य स्वरोजगार के लिए उठा सकते है लाभ - ऋण पर 35 प्रतिशत अनुदान का है प्रावधान

जागरण संवाददाता, रोहतक : अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल ने स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, उद्योग एवं व्यापार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार द्वारा यह योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है।
अतिरिक्त उपायुक्त स्थानीय जिला विकास भवन के सभागार में जिला उद्योग केंद्र एवं एमएसएमई विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थितगण से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत नए व मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्योगो को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समिति आदि को ऋण उपलब्ध करवाये जा रहे है। स्वयं सहायता समूहों को मशीन इत्यादि खरीदने के लिए प्रत्येक सदस्य को 40 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है, जो रिफंड नहीं करनी है। सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए भी 35 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाये जा रहे है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 10 हजार रुपये से एक करोड़ रुपये तक 35 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। लाभार्थी को केवल 10 प्रतिशत धनराशि स्वयं लगानी होती है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए लाखनमाजरा में रूरल मार्ट भी स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर सीएमजीजीए शुभम चतुर्वेदी व एलडीएम अमित जाखड़ सहित विभिन्न उद्योग एवं व्यापार एसोसिएशनों के पदाधिकारी, स्वयं सहायता समूह एवं किसान उत्पादक संगठनों के सदस्य मौजूद रहे।
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