शहीद दीपक शर्मा को परिजनों और समाजसेवियों ने दी श्रद्धांजलि
जागरण संवाददाता, रोहतक : शहीद कैप्टन दीपक शर्मा के शहीदी दिवस पर समाज सेवियों और परि
जागरण संवाददाता, रोहतक :
शहीद कैप्टन दीपक शर्मा के शहीदी दिवस पर समाज सेवियों और परिजनों ने डबल पार्क स्थित स्मारक पर श्रद्धाजंलि प्रदान की। स्वामी परमानंद एवं चैतन्य देव ने शहीद कैप्टन दीपक शर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। परिजनों ने स्मारक पर दीप जलाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर साहित्यकार डा. मधुकांत ने कहा कि तीन जुलाई 1983 को रोहतक में बैंक अधिकारी नरेश शर्मा और इंदु शर्मा के यहां जन्मे कैप्टन दीपक शर्मा जिन्होंने तीन मार्च 2010 में कश्मीर के कुलवामा में आतंकी बुरहान वाणी के गांव के तीन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादियों को मार गिराया था। तीन मार्च 2010 को सेना को पता चला कि कश्मीर के पुलवामा जिले के दादसर गांव के तराल क्षेत्र में आतंकी छिपे हुए हैं। सेना ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और मुठभेड़ शुरु हो गई। 30 घंटे लगातार चली मुठभेड़ में कैप्टन दीपक शर्मा ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के खूंखार आतंकियों को मार गिराया जिनमें एक हिजबुल मुजाहिद्दीन का ऑपरेशनल एरिया कमांडर था। मुठभेड़ कर बुरी तरह घायल कैप्टन दीपक शर्मा तीस घंटे चले एनकाउंटर में वीरगति को प्राप्त हुए थे। मूलरूप से इंजीनियर कैप्टन दीपक शर्मा निजी क्षेत्र की बेहतरीन पेशकश ठुकराकर 2006 में सैन्य सेवा से जुड़कर देश सेवा में लग गए थे। उनकी वीरता और जज्बे को देख कर शांतिकाल में दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी उनकी वीरता की कायल थी। इस अवसर पर पिता नरेश शर्मा, मां इंदु शर्मा, बहन ज्योति, हरीश सहगल, प्रेम मदान, परमजीत, डीपी बुद्धिराजा, श्यामनाथ शर्मा, डा. एसके गौड़, रामकरण अत्री, डा. कपिल कौशिक, नीरज वत्स, अदिश जैन, करतार राठी, प्रवीण मुदगिल, मंजुल पालीवाल उपस्थित रहे।
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