कम्युनिटी सेंटरों से लेकर डेरों में भंडारों के दौरान प्लास्टिक के डिस्पोजल पर लगेगी रोक
अरुण शर्मा रोहतक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ने रोहतक को अगस्त तक प्रदूषणमुक्त करने के लिए पूरी तर ...और पढ़ें

अरुण शर्मा, रोहतक
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ने रोहतक को अगस्त तक प्रदूषणमुक्त करने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। सब कुछ ठीक रहा तो डेरों से लेकर प्राचीन मंदिरों में आयोजित होने वाले भंडारों में प्लास्टिक के डिस्पोजल पर पूरी तरह से रोक लगेगी। नगर निगम प्रशासन डेरों, मंदिरों और गुरुद्वारों आदि से डिस्पोजल के उपयोग पर रोक लगाने के लिए सहयोग मांगेगा। वहीं, नगर निगम के दायरे में आने वाले कम्युनिटी सेंटरों में शादी-पार्टियों और अन्य आयोजनों के लिए यह बताना अनिवार्य होगा कि वह डिस्पोजल का उपयोग नहीं करेंगे। यहां बता दें कि ग्रीन ट्रिब्यूनल का प्रयास है कि प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए डिस्पोजल के उपयोग पर रोक लगाई जा सके। डिस्पोजल के कारण सीवरेज तक की लाइनें बंद हो रही हैं। यही कारण है कि डिस्पोजल पर भी रोक लगाने की तैयारी है। नहरों में मलबा, पॉलीथिन, प्लास्टिक के सामान नहीं डाल सकेंगे
नहरों व तालाबों में में मलबा, कचरा, पॉलीथिन, प्लास्टिक के सामान के साथ ही कांच व पूजा सामग्री के अवशेष डालना भी पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। पॉलीथिन से नहरी पानी प्रदूषित होने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। ग्रीन ट्रिब्यूनल-प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सीधे तौर से निगरानी रखेंगे। प्रदूषण को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। सिचाई विभाग को इस संदर्भ में बताया गया है। दूसरे विभागों से भी सहयोग मांगा है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। डिस्पोजल का निर्माण और बिक्री करने वालों का भी ब्योरा जुटाएगा निगम प्रशासन
निगम प्रशासन ने प्लास्टिक के किसी भी सामान की बिक्री से जुड़े दुकानदारों से भी सहयोग मांगने की तैयारी में है। डिस्पोजल बनाने वालों पर भी निगरानी होगी। निगम कार्यालय में पॉलीथिन, प्लास्टिक से लेकर डिस्पोजल की बिक्री से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। जल्द ही निगम कार्यालय में पंजीकरण के लिए काउंटर खोला जाएगा। हमारे यहां तो भंडारे के दौरान पहले से ही स्टील की थालियां उपयोग होती हैं। फिर भी प्रशासन प्लास्टिक के डिस्पोजल व पॉलीथिन पर रोक लगाना चाहता है तो हम पूरा साथ देंगे। दूसरे बड़े मंदिरों और डेरों से भी इस प्रकरण में वार्ता करेंगे। जिससे पॉलीथिन व डिस्पोजल पर रोक लगाने में सहयोग मिल सके।
बाबा कपिलपुरी, बाबा लक्ष्मणपुरी डेरा, गोकरण तालाब
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नहरों में पॉलीथिन, प्लास्टिक का सामान व दूसरी वस्तुएं डालने पर पूरी तरह से रोक है। हमारी तरफ से निगरानी कराई जा रही है।
अरुण मुंजाल, एक्सईएन, सिचाई विभाग
हम तो सभी से अनुरोध करेंगे कि वह सिगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें। ऐसे अभियान भी तभी सफल होंगे जब समाज का सहयोग मिलेगा।
-डा. यश गर्ग, जिला उपायुक्त

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