कुलपति प्रो. राजबीर सिंह के दो साल के कार्यकाल में एमडीयू को मिली कई उपलब्धियां
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह को विवि की बागडोर संभाले हुए दो वर्ष हो गए हैं। उन्हें सात जनवरी 2019 को कार्यवाहक कुलपति का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वह पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परर्फोमिग एंड विजुअल आर्ट्स के कुलपति थे। 21 फरवरी 2020 को प्रो. राजबीर सिंह ने एमडीयू के नियमित कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। प्रो. राजबीर सिंह के कार्यकाल में एमडीयू ने नैक से वर्ष 2019 में ए प्लस ग्रेडिग प्राप्त की है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से संचालित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक निरंतर देश के श्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान प्राप्त किया।

जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह को विवि की बागडोर संभाले हुए दो वर्ष हो गए हैं। उन्हें सात जनवरी 2019 को कार्यवाहक कुलपति का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वह पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परर्फोमिग एंड विजुअल आर्ट्स के कुलपति थे। 21 फरवरी 2020 को प्रो. राजबीर सिंह ने एमडीयू के नियमित कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। प्रो. राजबीर सिंह के कार्यकाल में एमडीयू ने नैक से वर्ष 2019 में ए प्लस ग्रेडिग प्राप्त की है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से संचालित नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक निरंतर देश के श्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान प्राप्त किया।
वहीं, हरियाणा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एमडीयू प्रथम स्थान पर रहा। विश्वविद्यालय का फार्मेसी विभाग देश के टाप-50 फार्मेसी संस्थानों की सूची में शामिल रहा। अंतर विषयक उच्च अध्ययन और शोध को बढ़ावा देने के लिए फैकल्टी आफ इंटर डिसीप्लीनरी स्टडीज की स्थापना की गई। प्राध्यापकों को उच्च स्तरीय नवीनतम ज्ञान और कौशल से युक्त करने के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर (एफडीसी) प्रारंभ किया गया। रिसर्च प्रोमोशन पालिसी के तहत गुणवत्तापरक शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई आइपीआर पालिसी, कंसल्टेंसी पालिसी सृजित की गई है। विश्वविद्यालय में विश्व स्तरीय नेक्स्ट जेन जीनोम सीक्वेंसिग लैबोरेट्री की स्थापना की गई है। आर्यभट्ट सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैबोरेट्री फंक्शनल की गई है।
डिजिटलाइजेशन को दे रहे बढ़ावा
एमडीयू में आनलाइन शिक्षण प्रणाली को सु²ढ़ करने के लिए डिजिटल लर्निंग सेंटर की स्थापना की गई है। कोरोना काल में आनलाइन टीचिग-लर्निंग के प्रयास में डिजिटल लर्निंग सेंटर की अहम भूमिका रही। सेंटर फार लैंग्वेज स्किल्स एंड साफ्ट स्किल्स के जरिए विद्यार्थियों के लाइफ एवं कम्युनिकेशन स्किल्स पर काम किया जा रहा है। सेंटर फार इन्नोवेशन, इन्क्यूबेशन एंड आंत्रप्रिनियोरशिप के जरिए स्वरोजगार और नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सोशल आउटरिच की महत्वपूर्ण कड़ी में सेंटर फार डिसएबिलिटी स्टडीज की स्थापना की गई है। हरियाणा वेलफेयर सोसायटी फार स्पीच एंड हियरिग इंपेयर्ड के साथ एमओयू भी किया गया है। भविष्य में भारतीय सांकेतिक भाषा से संबंधित डिप्लोमा पाठ्यक्रम किए जाएंगे प्रारंभ।
यह एमओयू किए गए
शोध सहभागिता, कौशल प्रशिक्षण, उच्च अध्ययन संयुक्त कार्यक्रम के लिए भारतीय वायु सेना, एवेंथा सेंटर फार इंडस्ट्रीयल रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फारेंसिक साइंस लैबोरेट्री, नई दिल्ली, एमएसएमई टेक्नोलाजी सेंटर और एवरेस्ट ब्लोअर सिस्टम के साथ एमओयू किए गए। डिजीटल लर्निंग सेंटर को प्रोत्साहन देने के लिए इनफ्लिबनेट के साथ एमओयू किया गया। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के दो आनलाइन पाठ्यक्रम, एमकाम और एमएससी-मैथेमेटिक्स प्रारंभ किए गए हैं। एमए इतिहास, मास्टर आफ लाइब्रेरी एंड इंफोर्मेशन साइंस, एमए जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन भी डीडीई में सत्र 2021-2022 में शुरू किए गए हैं।
नई एजुकेशन पालिसी (एनईपी-2020) का क्रियान्वयन, विश्वविद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर का सु²ढ़ीकरण, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों का क्षमता संवर्धन, विश्वविद्यालय सोशल आउटरीच का विस्तारण, और उच्च अध्ययन व शोध को गुणवत्तापरक ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प है।
- प्रो. राजबीर सिंह, कुलपति, एमडीयू, रोहतक।
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