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    स्‍वामी रामदेव के गुरु आचार्य बलदेव का देहांत

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 29 Jan 2016 12:31 PM (IST)

    योग गुरु स्‍वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्‍ण के गुरु आचार्य बलदेव का रोहतक में बृहस्‍पतिवार को निधन हो गया। वह तड़के सैर करते समय दयानंद मठ में पैर फिसलने से घायल हो गए। उन्‍हें पीजीआई ले जाया गया लेकिन उन्‍होंने देह त्‍याग दिया।

    जागरण संवाददाता, रोहतक। आर्य समाज के स्तंभ माने जाने वाले और योग गुरु बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के गुरु आचार्य बलदेव का बृहस्पतिवार को देहांत हो गया। शहर के दयानंद मठ स्थित आश्रम में वह तड़के सैर करने के दौरान पैर फिसलने से जख्मी हो गए। उन्हें पीजीआइ ले जाया गया, लेकिन उन्होंने शरीर त्याग दिया। वह 83 वर्ष के थे। उनके निधन से देश भर के आर्य समाजियों व क्षेत्रवासियों ने शोक जताया है।

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    दयानंद मठ में पैर फिसलने से जख्मी, पीजीआइ में त्याग दिया शरीर

    सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के प्रधान और हरियाणा गोशाला संघ व हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा के संरक्षक आचार्य बलदेव पर कई अन्य बड़ी जिम्मेदारियां थीं। उनका जन्म 25 अक्टूबर 1932 को सोनीपत के गांव सरगथल में हुआ था। आचार्य बलदेव ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा और गो सेवा के लिए समर्पित कर दिया था।

    योग गुरु बाबा रामदेव के थे गुरु, गोशाल संघ की भी थी जिम्मेदारी

    योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भी उनके सानिध्य में जींद स्थित गुरुकुल कालवा में शिक्षा ली थी। इसके बाद भी वह आचार्य बलदेव के संपर्क में थे और अक्सर उनसे मिलने आते थे। आचार्य बलदेव प्रतिदिन सुबह ब्रह्म मुहुर्त में उठकर पूजा अर्चना और हवन-यज्ञ करते थे।

    गुरुकुल से देर रात लौटे थे आचार्य बलदेव

    बताया गया है कि आचार्य बलदेव बुधवार दोपहर दयानंद मठ से गुरुकुल कालवा गए थे। देर रात डेढ़ बजे उन्होंने पेट में दर्द होने की शिकायत की अाैर वापस दयानंद मठ आने की इच्छा जाहिर की। हालांकि उनके शिष्य और गुरुकुल कालवा के उत्तराधिकारी आचार्य राजेंद्र ने उन्हें सुबह जाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। देर रात ढाई बजे वह अपने शिष्य जयपाल के साथ रोहतक के लिए रवाना हो गए।

    दयानंद मठ पहुंचने के बाद उन्होंने जयपाल को सोने के लिए भेज दिया और ब्रह्म मुहुर्त में उठकर नित्यक्रम में जुट गए। इसी दौरान लगभग तड़के चार बजे सैर करने के दौरान ही वह फिसलकर गिर गए। इससे उनकी नाक, आंख और ठोड़ी पर गंभीर चोट लगी। सेवक उन्हें पीजीआइएमएस लेकर पहुंचे।

    यहां चिकित्सकों ने उनका उपचार किया, लेकिन सुबह लगभग सवा छह बजे उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैली और दयानंद मठ में लोगों जमा होने शुरू हो गए। उनके गांव, परिवार व दूरदराज से उनके शिष्य दयानंद मठ में पहुंचे।

    अंतिम दर्शन और यात्रा में पहुंचेंगी कई हस्तियां

    आचार्य बलदेव के पार्थिव शरीर को दयानंद मठ में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है। शुक्रवार दोपहर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, योग गुरु स्वामी रामदेव, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल डा. देवव्रत सहित कई प्रसिद्ध लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होंगे। आचार्य बलदेव के शिष्य और आर्य समाज से जुड़े लोगों ने उनके निधन को राष्ट्रीय क्षति बताते हुए कहा है कि इसकी भरपाई नहीं की जा सकती।