रूस में फंसा रोहतक का युवक, स्टडी वीजा पर गया था पढ़ने; मां ने लगाई गुहार
कलानौर के तैमूरपुर गांव की सरोज ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रूस में फंसे अपने बेटे संदीप कुमार की सुरक्षा की गुहार लगाई है। संदीप 2024 में स्टडी वीजा पर रूस गया था जहाँ उसे धोखे से सेना में भर्ती कर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया। सरोज ने बताया कि संदीप का पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज भी प्रशासन ने ले लिए हैं।

ललित शर्मा, कलानौर (रोहतक)। कलानौर के तैमूरपुर गांव की सरोज पत्नी बक्शी राम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने 29 वर्षीय बेटे संदीप कुमार की सुरक्षा के लिए मदद की गुहार लगाई है। सरोज ने बताया कि उनका बेटा 23 सितंबर 2024 को स्टडी वीजा पर पढ़ाई के लिए रूस गया था, लेकिन वहां पहुंचने के बाद वह खतरनाक स्थिति में फंस गया।
मां सरोज के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के प्रशासन ने झांसे में लेकर संदीप को सेना में भर्ती कर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया। इसके अलावा, उनके बेटे का पासपोर्ट, वीजा, फोन और अन्य जरूरी दस्तावेज प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिए हैं। सरोज का कहना है कि संदीप वहां स्थाई नागरिक नहीं है और केवल शिक्षा के उद्देश्य से गया था, इसलिए उसकी भर्ती पूरी तरह अवैध है।
संदीप ने रूस के हालातों को लेकर वीडियो बनाकर भी परिजनों से साझा किया है। सरोज ने पत्र में लिखा कि रूस के अधिकारियों ने संदीप को डराकर और धमकाकर युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया। उन्होंने याद दिलाया कि युद्ध या किसी आपदा की स्थिति में किसी भी देश की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने विदेशी नागरिकों को सुरक्षित वापस भेजे, लेकिन उनके बेटे को यूक्रेन के कब्जे वाले इलाके में भेजा गया, जो पूरी तरह गलत है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास से संपर्क कर उनके बेटे को सुरक्षित स्वदेश बुलाया जाए। सरोज का कहना है कि उनकी यह गुहार सिर्फ संदीप की सुरक्षा के लिए है, ताकि उन्हें और उनके परिवार को मानसिक शांति और राहत मिल सके। संदीप के फंसे होने की खबर से पूरा परिवार तनाव में है। घर के बुजुर्ग और रिश्तेदार लगातार उसका हाल जानने की कोशिश कर रहे हैं।
सरोज ने बताया कि रात-दिन एक ही चिंता रहती है कि उनका बेटा युद्ध के बीच सुरक्षित रहे। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द उनकी मदद की जाए और संदीप को घर लौटाया जाए। इस घटना ने पूरे तैमूरपुर गांव में चिंता और सहानुभूति पैदा कर दी है। गांववासी भी मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के अलावा पूरी सरकार से मांग कर रहे हैं कि विदेश में फंसे युवा को सुरक्षित लाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाए।
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