जनता के लिए 'सफेद हाथी' साबित हुआ महम रेलवे स्टेशन, आखिर सुविधा के बाद भी कैसे नहीं हो रहा लोगों को इसका फायदा?
महम रेलवे स्टेशन जनता के लिए 'सफेद हाथी' साबित हो रहा है। स्टेशन बनने के बाद भी यात्रियों को जरूरी सुविधाओं की कमी खल रही है। कनेक्टिविटी और सेवाओं के अभाव के कारण लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। स्टेशन को उपयोगी बनाने के लिए सुविधाओं में सुधार और कनेक्टिविटी बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके।

'सफेद हाथी' साबित हुआ महम रेलवे स्टेशन (File Photo)
अनीता सिंहमार, महम। महम में जहां रेलवे स्टेशन बनने के लिए कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। लंबे इंतजार के बाद जब लगभग डेढ वर्ष पहले रेलवे स्टेशन पर रेल की सीटी बजी तब महम शहर तथा आस पास के गावों के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था।
लोगों ने शुरू के दिन रेल में बैठकर रोहतक से हांसी तक सफर का आनंद लिया था। वह आनंद मानो एक ही दिन के लिए था। लगभग डेढ साल बीतने के बाद भी रेलवे विभाग ने लोगों के फायदे के लिए कोई वह काम नहीं किया जिससे सवारियों की संख्या बढ सके। जिस दिन से यह रेलवे स्टेशन शुरू हुआ था, उस दिन से आज तक एक हजार से पन्द्रह सौ तक सवारी मुश्किल से आ जा पाई होंगी।
रेलवे विभाग के महम स्टेशन पर कार्यरत जेई परमिन्द्र ने बताया कि एक सवारी गाडी दिन के समय लगभग 11 बजे और एक गाडी लगभग रात 12 बजे आती है।
जिसमें सवारी होती ही नहीं। यदि सवारियां इस समय भी जाने का विचार बनाएं तो रेलवे स्टेशन तक जाने वाला रास्ता कच्चा और कीचड़ से भरा हुआ है। रेलवे लाईन निकालकर विभाग को तो फायदा हुआ लेकिन जनता को कोई फायदा नहीं हुआ जनता के लिए सफेद हाथी साबित हुआ है। विभाग के जेई परमिन्द्र ने बताया कि इस लाईन से प्रतिदन 10 से 15 तक मालगाडियां आती जाती हैं जिससे विभाग को फायदा है। एक सवारी गाडी जो हांसी से रोहतक तक आती जाती है उससे गाडी का खर्च तक पूरा नहीं हो पाता।
सोचा था कम किराया तथा ज्यादा माल लाने में होगी सुविधा
जब रेल के चलने की तारिख नजदीक आई थी तो मन में उमंग थी की रेल शुरू होगी तो दिल्ली जाने के लिए रास्ता आसान होगा तथा कम खर्च में दिल्ली से रेल में दुकान का अधिक सामान लाया जा सकेगा।लेकिन आज तक एक बार भी इस रेल में बैठकर दिल्ली सामान लाने के लिए नहीं गए हैं। रेल चलने का कोई भी फायदा नहीं हो पाया है।
बिजेन्द्र रोहिला उर्फ बीके पेंटर दुकानदार
एक या दो गाडी और चले तथा समय को सही रखा जाए तो ही कामयाब हो सकती है महम में रेल इस समय मात्र एक ट्रेन चलती है वह भी ऐसे समय में जिसका किसी भी प्रकार से फायदा नहीं उठाया जा सकता। रेल को यदि सुबह सात से आठ बजे भी रोहतक या हांसी से चलाया जाए और शाम के समय में भी लगभग 6 से 7 बजे तक एक और ट्रेन शुरू कर दी जाएं तो बहुत अधिक लोगों को इसका फायदा मिल सकता है। सुबह के समय में विद्यार्थी और सैकड़ों कर्मचारी इधर से उधर आते जाते हैं। वहीं दर्जनों दुकानदार दिल्ली से सामान लेने के लिए प्रतिदिन जाते हैं यदि आने जाने में बदलाव हो जाए तो लोगों को इसका फायदा मिल सकता है अन्यथा नहीं।- कुलदीप सिंहमार, श्रीश्याम इंटरप्राइजिज महम संचालक
क्या बोले दुकानदार?
रेलवे स्टेशन तक का रास्ता पक्का करवाने तथा रेलों व चक्करों की संख्या बढवाने से ही कामयाब हो सकती है रेल डेढ साल बीत जाने के बाद भी रास्ता पक्का नहीं होना कहीं ना कहीं सवालिया निशान लगाता है। किसी भी कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए सबसे पहले रास्ता जरूरी है। जब रास्ता ही सही नहीं होगा तो वहां कामयाबी नहीं मिल सकती। रेलवे विभाग को चाहिए कि रास्ते को पक्का करवाएं, हालांकि जितना रास्ता कच्चा है वह हरियाणा सरकार की ओर से बनाया जाना है। देखना है यह रास्ता कब तक बन पाता है। महम में राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगडा को रेल मंत्री से मिलकर ट्रेनों की संख्या बढवानी चाहिए। समय में बदलाव करवाया जाना चाहिए, ताकि कर्मचारी, विद्यार्थी तथा दुकानदारों को महम से रेल चलने का फायदा मिल सके। -विकास सिंगला, दुकानदार
महम से चलने वाली ट्रेन का नहीं हुआ है फायदा, रेलवे बोर्ड की मीटिंग में भी उठा चुके हैं सवाल
महम में रेल चलने का फायदा आम आदमी को नहीं मिल पाया है।यह सत्य है। महम क्षेत्र के लोगों ने जिस बेसब्री से रेल चलने का इंतजार किया था। उतनी ही तेजी से रेल से मिलने वाली सुविधाओं को भूल चुके हैं। रेल के समय में बदलाव तथा रेल की संख्या बढवाने के लिए उन्होंने उत्तर रेलवे बोर्ड की मीटिंग में प्रस्ताव रखा था। आश्वासन भी दिया गया था कि उच्चाधिकारियेां तक इस बात को पहुंचाया जाएगा। इसके लिए आज भी नार्थ जोन के सचिव सुधीर धनखड़ से बात की है तथा वे आगे आने वाली मीटिंग में फिर से अपनी बातों को रखूंगा तथा एक या देा ट्रेन और चलवाने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव रखा जाएगा। -अजीत अहलावत, उत्तर रेलवे बोर्ड सदस्य
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