रोहतक में भाऊ व सन्नी गैंग में गोलीबारी एक की मौत, दो लोग घायल
रोहतक के कबूलपुर गांव में भाऊ और सन्नी रिटोलिया गैंग के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो घायल हो गए। हिमांशु भाऊ गैंग ने सन्नी र ...और पढ़ें

रोहतक में भाऊ व सन्नी गैंग में गोलीबारी एक की मौत, दो लोग घायल (File Photo)
जागरण संवाददाता, रोहतक। गांव कबूलपुर शुक्रवार की शाम को गैंगवार के चलते गोलियों की गूंज से दहल उठा। हिमांशु भाऊ गैंग ने सन्नी रिटोलिया गैंग्सटर के ठेके पर गोलियां चलाई। इसमें सन्नी का दोस्त गांव सुंडाना निवासी दीपक गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों गैंगों के बीच हुई गोली बारी में करीब 35 गोलियां चली है।
दोनों तरफ से क्रास फायरिंग हुई है। इसमें भाऊ गैंग के गांव महराना निवासी दीपांशु की मौत हो गई। जबकि आसौदा निवासी रोहित उर्फ रेस्को गंभीर रूप से घायल है। ये दोनों झज्जर के निजी के अस्पताल में पहुंचे थे। जहां पर दीपांशु को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद थाना शिवाजी कालोनी प्रभारी राकेश सैनी, सीआइए वन और सीआइए टू की टीमें मौके पर पहुंची। पुलिस ने शराब ठेके पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को कब्जे में ले लिया है।
वहीं बदमाश घायल और मृतक को झज्जर के निजी अस्पताल के अंदर छोड़कर भाग गए। मौके से पुलिस ने गोलियों के खोल बरामद किए हैं। क्षेत्र में गैंगवार की घटना होने से दहशत का माहौल है। पुलिस घायल के बयान पर केस दर्ज करेगी। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक भाऊ गैंग के चार आरोपियों को गोली लगी थी, जिसमें से एक दीपांशु नाम के युवक की झज्जर के निजी अस्पताल में मौत हो गई। एक युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मैं पिछले कई साल से शराब ठेके पर सेल्समैन की नौकरी करता हूं। शुक्रवार करीब पौने छह बजे गाड़ी शराब उतार रहे थे। उस वक्त सेठ सन्नी रिटौलिया और उनका साथी दीपक भी दुकान पर आए थे। दीपक गाड़ी में बैठा हुआ था। सेठ दुकान के बाहर खड़े थे। उसी वक्त अचानक से गोलीबारी शुरू हो गई। कई युवक ठेके की तरफ आए तो कई बाहर की तरफ भाग गए। गोली बारी में वह भी डर के मारे कुछ कदम दूर तक भागा। कई युवकों ने सन्नी सेठ का कुछ दूरी तक पीछा किया। उसी बीच सन्नी वहां से भाग गए। वो एक प्लाट में साइड में खड़ा होकर बीड़ी पी रहा था। तभी एक युवक को हाथ में बंदूक लेकर आता हुआ दिखाई दिया। जब वापस ठेके पर आया तो दीपक को गोली लगी हुई थी। उसे गाड़ी में डालकर ले गए। हालांकि मेरे ठेकेदार सन्नी कभी-कभार ही ठेके पर आते थे। - अनिल, सैल्समैन शराब ठेका।

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