रामपाल का आरोप, हिसार जेल में हो रहा मानवाधिकार का उल्लंघन
सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल ने आरोप लगाया कि हिसार जेल में मानवाधिकारों का खुलेआम हनन हो रहा है। उसे जेल में प्रताडि़त किया जा रहा है। कभी बिजली काट दी जाती है तो कभी उसे मानसिक रूप से आहत किया जाता है।
रोहतक। सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल ने आरोप लगाया कि हिसार जेल में मानवाधिकारों का खुलेआम हनन हो रहा है। उसे जेल में प्रताडि़त किया जा रहा है। ककभी बिजली काट दी जाती है तो कभी उसे मानसिक रूप से आहत किया जाता है। इतना ही नहीं हिसार जेल के अधिकारी उसे जिंदा रखने की एवज में 50 लाख रुपये रिश्वत मांग रहे हैं। उसे अपने वकीलों तक से नहीं मिलने दिया जा रहा।
रामपाल को रोहतक कोर्ट में करौंथा अाश्रम में हुए खूनी संघर्ष मामले में पेशी के लिए लाया गया था। इस मामले में अब उसकी पेशी 2 सिंतंबर को हाेगी। इसी दौरान, उसने मीडिया से बातचीत में यह आरोप लगाए। उसने इस बारे में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर हिसार के जेल-2 से खुद को शिफ्ट करने की मांग की है।
रामपाल के पेशी के दौरान अंदर जाने पर रोकने पर पुलिसकर्मी से बहस करते उसके समर्थक।
रामपाल ने पुलिस सुरक्षा के बीच कोर्ट परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह 19 दिसंबर 2014 से हिसार जेल में बंद हैं। जेल प्रशासन तभी से उसे परेशान कर रहा है। जेल अधीक्षक शमशेर सिंह उसे किसी से मिलने भी नहीं दे रहे। यही कारण है कि वकीलों से मुलाकात करके सुनवाई से पहले जवाब भी तैयार नहीं करवा पाया।
पुलिस व आम लाेग रहे परेशान
रामपाल की पेशी एक बार फिर पुलिस और आमजन के लिए मुसीबत साबित हुई। सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए चिलचिलाती धूप में पुलिस को परेशानियों का सामना करना पड़ा। रामपाल के सैकड़ों अनुयायियों के जमा हो जाने के कारण शहर में जाम की स्थिति बनी रही।
अदालत में पेशी के दौरान रामपाल के अनुयायी दूसरी बार के दो वकील भी पहुंचे। उन्हें पहचानने के बाद पुलिस को सौंपा गया। इधर, वीडियोग्राफी कर रहे एक युवक को पकड़ने पर अनुयायियों ने थाने गेट पर पहुंचकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस व अनुयायियों में मामूली झड़प भी हुई।
रामपाल के वकील के नहीं आने के कारण मुकदमे की अगली सुनवाई 2 सितंबर निर्धारित कर दी गई। करौंथा आश्रम भूमि फर्जीवाड़े केस में बुधवार को रामपाल व अन्य आरोपियों की पेशी हुई। रामपाल के साथ आरोपी रविंद्र व राजेंद्र को भी हिसार जेल से पेशी पर लाया गया।
रामपाल की पेशी के दौरान एक बार फिर सैकड़ों समर्थक शहर की सड़क पर उतर आए। समर्थक अदालत परिसर की ओर जाने वाले मार्गों के किनारे जमा हो गए। जिन्हें नियंत्रित करने में पुलिस को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, भीड़-भाड़ के चलते अदालत परिसर वाले मार्गों पर जाम की स्थिति बन गई। इससे राहगीरों को रामपाल के अदालत से वापस ले जाने तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पैर छूने पर बाहर के वकीलों को पहचाना
रामपाल की पेशी के दौरान झज्जर और जयपुर के दो वकील अदालत में पहुंच गए। दोनों रामपाल के अनुयायी बताए गए हैं। बताया गया है कि दोनों रामपाल के पैर छूने की कोशिश में थे। इसी दौरान उन्हें अन्य वकीलों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। बार प्रधान दीपक कुंडू का कहना है कि इनमें एक वकील झज्जर बार से निष्कासित किया जा चुका है।
वीडियोग्राफी कर रहे युवक को दबोचा
रामपाल की पेशी के दौरान एक अनुयायी वीडियोग्राफी कर रहा था। पुलिस ने शक होने पर उससे पूछताछ की, तो उसने कहा कि वह मीडिया से है। पुलिस के मांगने पर वह अपना परिचय-पत्र नहीं दिखा पाया। पुलिस ने उसे पकडऩे का प्रयास किया तो वह भागा। युवक ने कुछ दूर तक पुलिस को दौड़ाया और बाद में उसे पकड़ लिया गया। युवक को पकडऩे पर अनुयायी भड़क गए। कई अनुयायी उसे छुड़ाने सिविल लाइन थाने के गेट तक पहुंचे। यहां पर पुलिसकर्मियों से उनकी नोकझोंक भी हुई।
वीडियोग्राफी करने पर पकड़ा गया उसका अनुयायी।
इस मामले में थी पेशी
करौंथा गांव स्थित सतलोक आश्रम में जुलाई 2008 को खूनी संघर्ष हो गया था। इस खूनी संघर्ष में सोनू नामक युवक की मौत हो गई थी जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे। इस प्रकरण में सदर थाना पुलिस ने रामपाल दास सहित तीन दर्जन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में रामपाल व अन्य आरोपियों की पेशी थी।
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