कलानौर के रमेश बहल ने बांस तार विधि से लगाई घीया की बेल, मिल रहा मुनाफा
जागरण संवाददाता रोहतक खेती को नई नई विधियों से किया जाए और बागवानी विभाग के अधिकारि

जागरण संवाददाता, रोहतक : खेती को नई नई विधियों से किया जाए और बागवानी विभाग के अधिकारियों की सलाह अनुसार किया जाए तो मुनाफा मिलना तय है। इसी का उदाहरण कलानौर निवासी किसान रमेश बहल प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने बांसतार विधि से घीया की बेल लगाई है। जिनसे उनको मुनाफा हो रहा है। हालांकि उन्होंने पहली बार ही इस विधि को अपनाया है। लेकिन उनका कहना है कि यह विधि किसानों को मुनाफा बढ़ाने के लिए बहुत कारगर साबित हो सकती है। अगली बार वे एक एकड़ से अधिक में इस विधि का अपनाकर मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने एक एकड़ में इस विधि के तहत घीया की बेल लगाई हुई है। जिन पर घीया का उत्पादन भी हो रहा है। उधर, रमेश के प्रयास की सराहना बागवानी विभाग के अधिकारी भी कर रहे हैं।
कलानौर निवासी रमेश ने बताया कि उन्होंने ढाई एकड़ में अमरूद का बाग लगाया हुआ है। लेकिन इसके साथ ही एक एकड़ में इस बार बांसतार विधि अपनाकर घीया की बेल भी लगाई है। करीब चालीस दिन पहले उन्होंने जमीन में बेल लगाई थी। जिनसे अब उत्पादन हो रहा है। बांसतार विधि से घीया की फसल की गुणवत्ता बेहतर बनी रहती है और देखने में भी वे अच्छी लगती है। जिसके चलते उनके दाम भी बाजार में बेहतर मिलते हैं और किसान की आमदनी में वृद्धि होती है। उनकी फसल का अक्तूबर तक उत्पादन होने की संभावना है। बारिश के दिनों में भी इन पर उत्पादन होता है। उनकी इस विधि को देखकर अन्य किसान भी उनसे पूछताछ करने आ रहे हैं।
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विभाग की ओर से किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए अनेक योजनाएं भी चलाई जा रही है। कलानौर निवासी किसान रमेश बहल ने बांसतार विधि से सब्जियों की बेल लगाई है और उनको मुनाफा भी हो रहा है। अन्य किसानों को भी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ानी चाहिए।
- डा. कमल सैनी, जिला बागवानी अधिकारी, रोहतक।
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