सैमाण के राहुल सिवाच बने लेफ्टिनेंट, ग्रामीणों ने किया स्वागत
क्षेत्र के गांव सैमाण के राहुल ने लेफ्टिनेंट लग कर परिवार व गांव का नाम रोशन किया है। राहुल केरला में चार साल की ट्रेनिग कर 28 नवंबर को पास आउट होने क ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, महम : क्षेत्र के गांव सैमाण के राहुल ने लेफ्टिनेंट लग कर परिवार व गांव का नाम रोशन किया है। राहुल केरला में चार साल की ट्रेनिग कर 28 नवंबर को पास आउट होने के बाद गांव में पहुंचे। गांव में पहुंचने पर गांव की ओर से उनका सम्मान समारोह किया गया। राहुल ने बताया कि उनके पिता उमेद सिंह आर्मी में ही जाना चाहते थे, लेकिन वो नहीं लग पाए। उन्होंने बताया कि उसके पिता दिल्ली पुलिस में एएसआइ के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने दिल्ली में नौकरी करते हुए बहादुरगढ में अपना रेजिडेंस बना लिया था। उन्होंने अपनी शुरू की पढ़ाई चौथी कक्षा तक महम के लाइसियम स्कूल में की। उसके बाद वे बारहवीं कक्षा तक बहादुरगढ के त्रिवेणी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़े। राहुल के मुताबिक 2016 में उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास की व उनका चयन हो गया। उसके बाद उन्हें चार साल की ट्रेनिग के लिए केरला के इंडियन नेवल ट्रेनिग सेंटर में भेजा गया। जहां से 28 नवंबर को ही वे ट्रेनिग से पास आउट हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे इस सफलता का श्रेय अपने मम्मी, पापा व गुरुजनों को देना चाहते हैं।
कमला नगर में संचालित कम्युनिटी सेंटर, ध्वनि प्रदूषण से बेहाल हुए लोग
जागरण संवाददाता, रोहतक : रिहायशी क्षेत्रों में संचालित कम्युनिटी लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गए हैं। ध्वनि प्रदूषण के साथ ही स्थानीय लोग दूसरी समस्याओं से ग्रस्त हैं। फिलहाल कमला नगर के लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों से मांग की है कि तत्काल ही रिहायशी क्षेत्रों में संचालित कम्युनिटी सेंटरों की निगरानी हो। यदि यहां कहीं नियम तोड़े जा रहे हों तो बुकिग कराने वालों पर जुर्माने का प्रावधान तय किया जाए।
सेवा निवृत कर्मचारी संगठन के भूतपूर्व प्रधान एवं समाजसेवी रणबीर सिंह छिकारा ने कहा कि कमला नगर कालोनी में सीवरेज लाइन के मुख्य हॉल टूटे पड़े हैं। इस कारण दुर्गंध वाला दूषित पानी सड़कों पर बहता है। स्थानीय लोगों की परेशानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपनी गाड़ी तक नहीं निकाल सकते। वहीं, कम्युनिटी सेंटर में पटाखे छोड़े जाते हैं। शादी समारोह के अलावा अन्य कार्यक्रमों में डीजे, बैंडबाजे भी देर रात तक बजते हैं। इस कारण भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो डीजे देर रात तक बजते हैं, इस वजह से लोगों को नींद से संबंधित परेशानियों का सामना करना होता है। स्थानीय निवासी राजेंद्र सिंह, रणधीर सिंह, महाबीर आदि ने मांग की है कि कम्युनिटी सेंटरों के लिए जो भी नियम हैं, उनका पालन सख्ती से हो। जो भी नियम तोड़ें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

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