रोहतक में जिले में बढ़ रहा रेबीज का खतरा, 4 महीने में 8 हजार लोगों ने लगवाई वैक्सीन
रोहतक जिले में रेबीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आपातकालीन एंटी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। अब कुत्ता बंदर या किसी भी जानवर के काटने पर मरीज तुरंत सिविल अस्पताल में टीका लगवा सकते हैं। मई से अगस्त तक 8450 लोगों ने वैक्सीन लगवाई जिनमें से अधिकांश कुत्ते के काटने से पीड़ित थे।

जागरण संवाददाता, रोहतक। जिले में रेबीज के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से इमरजेंसी में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए गए हैं। यानी अब मरीजों को वैक्सीन लगवाने के लिए ओपीडी का इंतजार नहीं करना होगा।
किसी भी समय यदि कुत्ता, बंदर या अन्य जानवर काट लेता है, तो तुरंत मरीज जिला सिविल अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज का टीका लगवा सकता है। जिले में मई माह से अगस्त तक ही करीब 8450 लोगों ने जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई। हालांकि एंटी रेबीज लगवाने वाले मरीजों में से करीब 80 प्रतिशत डॉग बाइट के शिकार हुए है।
जहां पिछले वर्ष तक हर माह 1000 से 1200 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए आते थे। वहीं अब उनकी संख्या 1500 से 2500 तक बीच पहुंच गई है। अगस्त माह में ही जिला सिविल अस्पताल में 2000 मरीजों ने एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाया। इनमें 1600 मरीज डॉग बाइट के रहे हैं।
बता दें कि अभी तक एंटी रेबीज वैक्सीन की सुविधा केवल ओपीडी के समय तक सीमित थी, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या और गंभीरता को देखते हुए इसे 24 घंटे उपलब्ध करा दिया गया है। हालांकि डाक्टर्स की माने तो सिर्फ मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं, बल्कि लोगों की जागरूकता में आई है। इसके कारण ज्यादा लोग अस्पताल वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच रहे है।
रेबीज एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो संक्रमित जानवर के काटने या खरोंच से फैलता है। रेबीज इंफेक्शन में एक बार वायरस नसों में पहुंच जाए, तो फिर मौत का खतरा बना रहता है, लेकिन जानवर के काटने के बाद उसी समय चलते पानी में 15 से 20 मिनट तक धोना चाहिए। इसके बाद नजदीक के अस्पताल में जाकर तुरंत वैक्सीनेशन कराना चाहिए। - डॉ. दिनेश मलिक, त्वचा रोग विशेषज्ञ, सिविल अस्पताल।
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