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    'कैसे हुई लापरवाही...सदन में उठाएंगे मुद्दा', बास्केटबॉल खिलाड़ी मौत मामले में सियासत तेज; हुड्डा-सैलजा ने उठाए सवाल

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 04:11 PM (IST)

    रोहतक में बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की पोल गिरने से हुई मौत पर विपक्ष ने सरकार को घेरा। कुमारी सैलजा ने लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की और खेल सुविधाओं की जर्जर हालत पर सवाल उठाए। हुड्डा ने भी सरकार से परिवार को नौकरी और आर्थिक मदद देने की मांग की और कहा कि विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे।

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    प्रदेश में जान जोखिम में डालकर प्रैक्टिस कर रहे हैं खिलाड़ी: कुमारी सैलजा।

    डिजिटल डेस्क, रोहतक। रोहतक में खेल नर्सरी में बास्केटबॉल का पोल गिरने से खिलाड़ी की मौत मामले में विपक्षी ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि रोहतक के लालचौपड़ा स्थित खेल परिसर में अभ्यास के दौरान बास्केटबॉल का भारी पोल गिरने से 17 वर्षीय राष्ट्रीय स्तर के उभरते खिलाड़ी हार्दिक राठी की मौत अत्यंत हृदय विदारक घटना है।

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    उन्होंने कहा कि हार्दिक जैसे प्रतिभाशाली युवा की असमय मृत्यु पूरे प्रदेश के लिए बड़ी क्षति है। परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह पीड़ा शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। यदि मेंटेनेंस या निगरानी में कहीं भी लापरवाही हुई है तो संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

    मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि यह हादसा केवल एक दुर्घटनाभर नहीं है, बल्कि यह प्रदेश में खेल अधोसंरचना और सुरक्षा व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति पर गंभीर प्रश्न उठाता है। समय पर रखरखाव, उपकरणों की जांच और निगरानी की कमी ने खिलाड़ियों की सुरक्षा को जोखिम में डाल दिया है।

    सरकार और खेल विभाग की यह जिम्मेदारी है कि खिलाड़ी सुरक्षित वातावरण में प्रशिक्षण ले सकें, लेकिन हाल के वर्षों में स्टेडियमों के रखरखाव में निरंतर लापरवाही देखने को मिल रही है। सांसद ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि जो प्रदेश मात्र 2 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद देश के 33 प्रतिशत से अधिक ओलंपिक, एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडल जीतता हो, वहां खेल सुविधाओं का जर्जर होना बेहद शर्मनाक और चिंताजनक है।

    कुमारी सैलजा ने कहा कि यह स्थिति केवल रोहतक तक सीमित नहीं है। सिरसा जिले में स्थित चौधरी दलबीर सिंह इंडोर स्टेडियम की हालत लंबे समय से बेहद खराब बनी हुई है। उपकरणों की खराबी, टूटी-फूटी बुनियादी सुविधाएं और अव्यवस्थित रखरखाव खिलाड़ी-हितों के बिल्कुल विपरीत है।

    इसी तरह शहीद भगत सिंह स्टेडियम, सिरसा का दौड़ ट्रैक और ग्राउंड उपेक्षा के चलते बुरी तरह नुकसान में है। डबवाली का खेल स्टेडियम भी वर्षों से मरम्मत और उन्नयन की प्रतीक्षा कर रहा है। इन सभी स्थानों की स्थिति यह साबित करती है कि प्रदेश में खेल सुविधाओं के रखरखाव को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही।

    सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हार्दिक राठी की मौत ने व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है, इसलिए इस मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जहां भी लापरवाही का पता चलता है, वहां जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही प्रदेश के सभी स्टेडियमों का सुरक्षा ऑडिट करवा कर तत्काल सुधार कार्य शुरू किए जाएं, ताकि आगे कोई भी खिलाड़ी ऐसी दुर्घटना का शिकार न बने।

    अंत में सांसद ने कहा कि हरियाणा खेल प्रतिभाओं की भूमि है और यहां के खिलाड़ी देश-दुनिया में पहचान बना रहे हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा और सुविधाएं सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। राज्य सरकार खिलाड़ियों के हितों को केंद्र में रखते हुए खेल अधोसंरचना को मजबूत करे, पारदर्शिता लाएं और नियमित निरीक्षण व्यवस्था लागू करे।

    हुड्डा ने भी बोला हमला

    बता दें कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार पर हमला बोला है। हुड्डा ने हरियाणा सरकार से बास्केटबॉल खिलाड़ी की मौत मामले में परिवार को एक सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा सत्र में भी खेल स्टेडियम के रखरखाव न होने का मामला उठाया जाएगा।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले मानसून सत्र में भी विधायक भारत भूषण बत्रा की ओर से राजीव गांधी खेल परिसर रोहतक की अव्यवस्था का मामला उठाया गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

    विनेश फोगाट ने भी बोला हमला

    वहीं, महिला पहलवान और कांग्रेस नेता विनेश फोगाट ने कहा कि हरियाणा जैसे खेल प्रधान राज्य में दो मासूम जिंदगियों, 17 वर्षीय उभरते खिलाड़ी हार्दिक और 15 वर्षीय छात्र अमन की मौत ने पूरे प्रदेश को गहरे सदमे में डाल दिया है। हरियाणा को देश का ‘स्पोर्ट्स पावरहाउस’ कहा जाता है, यहां के बच्चे खेलों में अपनी प्रतिभा, मेहनत और जुनून से देश का नाम दुनियाभर में रोशन करते हैं। ऐसे राज्य में जब बच्चे ही अभ्यास के मैदानों में अपनी जान गंवाने लगें, तो यह सिर्फ दुखद नहीं, बल्कि शासन की नीयत और प्राथमिकताओं पर सवालिया निशान है।

    उन्होंने कहा कि हार्दिक और अमन दोनों में वह क्षमता थी कि आने वाले वर्षों में ये बड़े मंचों पर तिरंगा फहरा सकते थे। लेकिन उनका भविष्य उनकी मेहनत या किस्मत ने नहीं छीना इसे छीना लापरवाह सिस्टम ने, जिसने सुरक्षा और रख-रखाव को कब का भुला दिया है।