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    अजब-गजब : नाकाबंदी कर 113 किलो गांजा समेत पकड़ी गाड़ी, मौके पर नहीं मिली पुलिस की लोकेशन; दो आरोपित बरी

    Updated: Tue, 13 May 2025 10:16 PM (IST)

    रोहतक में खेड़ी साध के पास 113 किलोग्राम गांजा जब्ती मामले में अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने पुलिस द ...और पढ़ें

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    113 किग्रा गांजा जब्ती मामला पुलिस के दावों की खुली पोल (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, रोहतक। खेड़ी साध के पास दिल्ली रोड पर मारुति इको वैन से पकड़े गए 113 किलोग्राम गांजा के मामले को पुलिस कोर्ट में साबित नहीं कर पाई। मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव की अदालत ने फैसला सुनाया है। 60 पेज के इस फैसले में दोनों आरोपितों को बरी कर दिया है।

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    आरोपित उदय की ओर से केस की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जेके गक्खड़ और महिला आरोपित की ओर से नेहा गक्खड़ ने की। दोनों आरोपितों को बरी करने में सबसे अहम सुबूत पुलिस की मोबाइल लोकेशन बना। जब अदालत में सभी गवाहों के बयान हो गए तो अधिवक्ता की ओर से कोर्ट के आदेश पर पुलिस की मोबाइल लोकेशन निकलवाई गई।

    इसमें पता चला कि पुलिस ने जिस समय की घटना दिखाई है, उस समय पुलिस अधिकारी मौके पर थे ही नहीं। इस मामले में पैरवी करते हुए हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के करीब 14 फैसलों का हवाला भी दिया गया।

    ये था मामला

    छह सितंबर 2022 को पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि खेड़ी साध अस्पताल के पास मारुति इको वैन में एक आदमी और महिला आएंगे और उनकी गाड़ी में गांजा हो सकता है। पुलिस ने नाकाबंदी कर गाड़ी को रुकवाया और तलाशी ली। गाड़ी के फ्लोर में नीचे 41 पैकेट गांजा के दिखाए गए।

    इनका वजन किया तो गांजा 113 किग्रा निकला। इस वाहन से बिहार के आरा जिले के 65 वर्षीय उदय कुमार सिंह और करीब 55 साल की महिला संगीता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मौके पर एक अधिकारी को बुलाया गया और जांच के लिए सैंपल मधुबन लैब में भेजे गए। इसके बाद केस चलता रहा। अब इसमें फैसला आया है।

    ये पांच कारण बने मददगार

    • पहला- पुलिस की मोबाइल लोकेशन कोर्ट के आदेश पर निकलवाई। इससे पता चला कि जिस समय घटना दिखाई गई है, उस समय पुलिस वाले मौके पर थे ही नहीं।
    • दूसरा- अभियुक्त को अधिकार होता है कि वह अपनी तलाशी राजपत्रित अधिकारी या मजिस्ट्रेट से करवा सकता है, लेकिन आरोपितों से लिखवाया कि वे उच्च अधिकारी की मौजूदगी में अपनी तलाशी करवा लें।
    • तीसरा- जब सैंपल भेजे जाने थे तो करीब 24 ग्राम सैंपल जाना चाहिए था, लेकिन 10 ग्राम का ही सैंपल भेजा गया।
    • चौथा- 72 घंटे के अंतराल में ही सैंपल भेजा जाना चाहिए था, जोकि 10 दिन बाद भेजा गया।
    • पांचवां- पकड़े गए गांजा के 41 में से सिर्फ 6 पैकेट के ही सैंपल लिए गए।