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    हरियाणा: एक साल की बच्ची की वेंटिलेटर न मिलने से मौत, इलाज के लिए घंटों गिड़गिड़ाती रहीं मां; डॉक्टर बोले- सिफारिश ले आओ

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 10:06 PM (IST)

    रोहतक पीजीआई में वेंटिलेटर न मिलने से एक साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मां ने बताया कि नहाते समय पानी में डूबने के बाद उसे सोनीपत के अस्पताल से पीजीआई रेफर किया गया था। गरीब होने के कारण प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं करा सके। वेंटिलेटर के लिए डॉक्टरों से मिन्नतें की पर बच्ची को बचाया नहीं जा सका।

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    एक साल की बच्ची की वेंटिलेटर न मिलने के कारण मौत। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, रोहतक।  पीजीआई में वेंटिलेटर न मिलने के कारण एक वर्षीय प्रियंसिता की मौत हो गई। कई घंटे तक वेंटिलेटर की आस में बच्ची जिंदगी और मौत से लड़ती रही, लेकिन आखिर में सांसों ने ही साथ छोड़ दिया।

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    बच्ची की मां नोनी ने बताया कि वह मूलरूप से मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गांव ओटा पुरवा के रहने वाले है और हाल में सोनीपत में गांव रायपुर में किराए के मकान में रहते हैं।

    उसकी एक साल की बच्ची प्रियंसिता नहाते समय पानी में डूब गई थी, जिसे सोनीपत के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां से बच्ची को शनिवार दोपहर 2 बजे पीजीआइ के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद बच्ची को गंभीर हालत में रोहतक लेकर पहुंचे, लेकिन वेंटिलेटर न मिलने के कारण बच्ची की मौत हो गई।

    नोनी ने बताया कि वह गरीब परिवार से है, जिसके कारण प्राइवेट अस्पताल में बच्ची का इलाज नहीं करवा सकती थी। इसलिए बच्ची को पीजीआई लेकर पहुंची, जहां चिकित्सकों ने कहा कि बच्ची की जान बच सकती है, अगर वेंटिलेटर मिल जाए तो।

    लेकिन रात 9 बजे तक भी बच्ची को वेंटिलेटर नहीं मिला, जिसके कारण बच्ची की सांसों ने ही साथ छोड़ दिया। वहीं पीजीआइ के प्रवक्ता डा. वरूण अरोड़ा ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

    चिकित्सकों के आगे गिड़गिड़ाती रही बच्ची की मां नोनी ने बताया कि वेंटिलेटर लेने के लिए चिकित्सकों के आगे काफी मिन्नतें की। हर चिकित्सक और स्टाफ के आगे हाथ जोड़े, लेकिन वेंटिलेटर नहीं मिला। चिकित्सक ने कहा कि किसी बड़े डाक्टर का फोन करवा दो, वेंटिलेटर मिल जाएगा। लेकिन वह किसी को नहीं जानते, जिसके कारण बच्ची को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिली।

    नोनी ने बताया कि बच्ची प्रियंसिता की मौत के लिए कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि पीजीआई प्रशासन जिम्मेदार है। पीजीआई स्टाफ का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और इलाज की सुविधा न मिलने के कारण बच्ची की मौत हुई है। पीजीआई प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं मामले में सोनीपत पुलिस कार्रवाई कर रही है।