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    रोहतक में एनआईए का छापा, माओवादी गतिविधियों में शामिल प्रियांशु के कमरे से मिले कई दस्तावेज

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 08:30 PM (IST)

    लखनऊ एनआईए टीम ने रोहतक जिले के लाखनमाजरा गांव में छत्तीसगढ़ निवासी प्रियांशु के किराए के कमरे पर छापा मारा। प्रियांशु नक्सली गतिविधियों में शामिल था और माओवादी नेटवर्क के विस्तार की योजना बना रहा था। पुलिस ने उसके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज मोबाइल सिम कार्ड आदि बरामद किए। वह खुद को एनजीओ कर्मचारी बताकर छिपा हुआ था।

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    माओवादी गतिविधियों में शामिल प्रियांशु के किराए के कमरे पर एनआईए की ने दूसरी बार की छापामारी।

    जागरण संवाददाता, रोहतक। लखनऊ की एनआईए टीम ने डीएसपी के नेतृत्व में जिले के लाखनमाजरा गांव से नक्सल गतिविधियों में शामिल छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा गांव निवासी प्रियांशु के किराए के कमरे पर सर्च अभियान चलाया। टीम वीरवार सुबह लाखनमाजरा पहुंची।

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    टीम ने करीब दो घंटे तक सर्च अभियान चलाया। आसपास के लोगों से भी बातचीत की। सर्च अभियान के दौरान टीम मौके से कुछ जरूरी तथ्य भी जुटाए है। इतना ही प्रियांशु के साथ लगते कमरों में रहने वाले लोगों के बारे में टीम ने पूरी जानकारी जुटाई है। इसके अलावा लोकल में प्रियांशु किसके संपर्क में था।

    उसके रहने से लेकर खाने-पीने समेत अन्य व्यवस्था किसकी ओर से कैसे की गई है। ये सभी तथ्य एनआईए की टीम जुटाने में लगी हुई है। बता दें कि लाखनमाजरा से आरोपित प्रियांशु को हिसार पुलिस की स्पेशल स्टाफ पुलिस की टीम ने शक के आधार पर हिरासत में लिया था। पूछताछ में उसने अपनी पहचान छत्तीसगढ़ के गांव मांझीगुड़ा के प्रियांशु के रूप में करवाई।

    पुलिस को उसके पास से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। इनसे पता चला कि वह माओवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने की साजिश से संबंधित मामले में वह एनआईए से बचता हुआ छिप रहा है। इसके बाद हिसार एसटीएफ ने प्रियांशु को एनआईए, लखनऊ के हवाले कर दिया था। एनआईए आरोपित को अपने साथ ले गई थी।

    तीन अगस्त को एनआईए की टीम ने लाखनमाजरा गांव में प्रियांशु के किराये के मकान में छापेमारी की थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि वह नक्सलियों के शहरी नेटवर्क का हिस्सा था। टीम ने आरोपित के पास से मोबाइल फोन, सिम कार्ड, टैबलेट, मैमोरी कार्ड और माओवादी दस्तावेज बरामद किए थे।

    पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि प्रियांशु की भाषा समझ नहीं आती थी। उसने स्थानीय लोगों को बताया था कि वह एक एनजीओ में काम करता है और गरीब बच्चों के लिए स्कूल सर्वे का काम कर रहा है।

    सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आरोपित उत्तरी क्षेत्र में नक्सली नेटवर्क का विस्तार करने की योजना पर काम कर रहा था। बताया जा रहा है कि प्रियांशु को शहर में एमडीयू के गेट के पास भी देखा गया था। पुलिस इसे लेकर भी जांच में लगी हुई है कि प्रियांशु शहर में किस- किस के संपर्क में रहा है।