नेवी के जवान को तलाकशुदा पत्नी को देना होगा 30 लाख आजीवन भत्ता, फैमिली कोर्ट का बड़ा फैसला
रोहतक की फैमिली कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में नेवी के जवान को तलाकशुदा पत्नी को 30 लाख रुपये का आजीवन भत्ता देने का आदेश दिया। महिला ने दहेज की मांग और प्रताड़ना का आरोप लगाया था जिसके बाद उसने तलाक और भरण-पोषण का मुकदमा दायर किया था। कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाते हुए इसे घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए एक मिसाल बताया है।

जागरण संवाददाता, रोहतक। शादी के एक साल बाद ही पत्नी से अनबन और तलाक तक की नौबत नेवी के जवान पर भारी पड़ी। अब उसे तलाकशुदा पत्नी को 30 लाख रुपये की राशि आजीवन भत्ते (पर्मानेंट एल्यूमनी) के रूप में देनी पड़ेगी। यह फैसला फैमिली कोर्ट ने महिला की ओर सेे दायर तलाक के मुकदमे के साथ-साथ मेंटेनेंस व घरेलू हिंसा के मामलों को लेकर सुनाया गया।
महिला की शिकायत के अनुसार, वर्ष 2018 में उसकी शादी नेवी के जवान से हुई थी। दोनों जून 2019 तक साथ रहे, लेकिन इस अवधि में पति और उसके परिवार ने दहेज की मांग, शारीरिक, मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना की। प्रताड़ना से तंग आकर मार्च 2020 में महिला ने सिटी थाना में एफआईआर दर्ज करवाई।
इसके बाद पति के विरुद्ध मेंटेनेंस (भरण-पोषण) और घरेलू हिंसा से संबंधित मामला भी कोर्ट में दायर किया। जुलाई 2021 में महिला ने तलाक का मुकदमा भी दाखिल कर दिया। अगस्त 2025 के अंतिम सप्ताह में फैमिली कोर्ट ने महिला को तलाक की मंजूरी प्रदान करते हुए पति को 30 लाख रुपये की स्थायी आजीवन भत्ता राशि देने के आदेश भी सुनाए।
महिला पक्ष के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता डा. दीपक भारद्वाज ने कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर इस तरह का निर्णय बेहद दुर्लभ है, जिसमें पीड़िता को एकमुश्त इतनी बड़ी राशि आजीवन भत्ते के रूप में प्रदान की गई है। यह उन तमाम महिलाओं के लिए एक मिसाल बन सकता है, जो घरेलू हिंसा और प्रताड़ना का सामना कर रही हैं।
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