हरियाणा में 'मुन्ना भाई' टाइप लोगों को डॉक्टर बनाने की तैयारी, MBBS परीक्षा घोटाले में दो लोग गिरफ्तार
रोहतक पीजीआईएमएस में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में एसआईटी ने प्रोग्रामर जितेंद्र और क्लर्क मोनू को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार जितेंद्र ने कंप्यूटर ऑपरेटर रोशन को पेपर पहुंचाया और मोनू ने ड्यूटी के दौरान पेपर आउट किया। पुलिस ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में 871 पेज की चार्जशीट पेश की गई है जिसमें कई खुलासे हुए हैं।

जागरण संवाददाता, रोहतक। पीजीआईएमएस में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में एसआईटी ने बुधवार को प्रोग्रामर जितेंद्र और क्लर्क मोनू को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक जितेंद्र ने कम्प्यूटर ऑपरेटर रोशन तक पेपर पहुंचाया और मोनू ने परीक्षा में ड्यूटी के दौरान पेपर आउट किया था।
पुलिस ने दोनों को पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इस मामले में पुलिस 871 पेज की चार्जशीट अदालत में पेश कर चुकी है। इसमें कई बड़े खुलासे हुए थे।
छह लाख रुपये और सिलाई वाली मशीन बरामद
चार्जशीट में स्पष्ट किया था कि अभी मामले में अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी होना बाकी है। रोशन ने पुलिस रिमांड के दौरान खुलासा किया था कि रोहतक में आंसरशीट हल होने के बाद ककराना स्थित रोशन के मकान से सिलाई मशीन से उत्तरपुस्तिकाओं की सिलाई की जाती थी। पुलिस ने रोशन के मकान से छह लाख रुपये और उत्तरपुस्तिकाओं की सिलाई करने वाली मशीन बरामद की थी।
घोटाले में 11 कर्मचारी से ज्यादा शामिल
इसके अलावा पीजीआइएमएस के कर्मचारियों और विद्यार्थियों से पूछताछ के बाद तफ्तीश रिपोर्ट और कुछ रिकॉर्ड पेश किया था। इस घोटाले में शामिल माने जा रहे 11 से ज्यादा कर्मचारियों और 16 से ज्यादा विद्यार्थियों को तफ्तीश में शामिल किया जाना है। इनका बाद में ततीमा चालान पेश किया जाएगा।
जांच कमेटी दे चुकी रिपोर्ट परीक्षा में घोटाले की शिकायत के बाद पीजीआइएमएस की ओर से एक जांच कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की ओर से जांच रिपोर्ट दी गई थी।
उत्तरपुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है। इनकी सिलाई दोबारा से की गई है। 47 उत्तरपुस्तिकाएं भी गायब हैं। ऐसे में पुलिस ने कमेटी की रिपोर्ट की तस्दीक करने के बाद चालान में रिपोर्ट को भी शामिल किया है।

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