रोहतक को स्वच्छ बनाने के कई नियम, निगम खुद का सीएंड प्लांट तक नहीं करा सका निर्मित
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की तैयारियों में जुटे अधिकारियों को धरातल पर काम कराने में अभी दिलचस्पी नहीं दिख रही। सर्वेक्षण की अग्नि परीक्षा शुरू होते ही सूखा-गीला कचरा अलग-अलग करने की सुध ली जाती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के नियम तो कहते हैं कि जो संस्थान गीला-सूखा कचरा अलग-अलग नहीं डालेंगे उन पर प्रतिबार दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, रोहतक : स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की तैयारियों में जुटे अधिकारियों को धरातल पर काम कराने में अभी दिलचस्पी नहीं दिख रही। सर्वेक्षण की अग्नि परीक्षा शुरू होते ही सूखा-गीला कचरा अलग-अलग करने की सुध ली जाती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के नियम तो कहते हैं कि जो संस्थान गीला-सूखा कचरा अलग-अलग नहीं डालेंगे उन पर प्रतिबार दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। जिस प्लांट में कचरा डाला जाएगा वहां मिश्रित कचरा डालने पर हर बार 50 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है। मगर निगम ने करीब एक लाख से अधिक घरों में सूखा-गीला कचरा मिश्रित ही सुनारिया स्थित प्लांट तक पहुंच रहा है।
स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए सिटीजन फीडबैक शुरू हो चुका है। 15 अप्रैल तक जनता फीडबैक दे सकती है। साल 2019 में एनजीटी ने सख्त आदेश दिए थे कि सीएंड डी वेस्ट यानी घरों के निर्माण से निकलने वाले मलबे को डलवाने के लिए प्लांट निर्मित होना था। सुनारिया के निकट जमीन भी तलाश ली है, लेकिन योजना धरातल पर आज तक सिरे नहीं चढ़ी। योजना का नुकसान यही हुआ कि दो साल से लगातार इसी प्वाइंट पर स्वच्छ सर्वेक्षण में अंक कम आंके गए। इससे सीधे तौर से सर्वेक्षण की रैंकिग पर असर पड़ा। फिलहाल नियमित तौर से शहर में 155 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। सभी 22 वार्डों से कचरा उठाने के लिए करीब 64 से अधिक वाहन लगे हुए हैं।
ऐसे पहचानें सूखा और गीला कचरा
1. हरे कूड़ेदान में डालेंगे गीला कूड़ा ::
- प्राकृतिक तरीके से सड़नशील यानी नमीयुक्त कूड़ा।
- सभी तरह के खाद्य अवशेष यानी पके और अधपके।
- फल, सब्जियों और फूलों के अवशेष यहां डाल सकेंगे।
- मांसाहारी खाने, अंडे के छिलके के अवशेष भी डालेंगे।
- बगीचों से निकलने वाले कूड़े और अवशेष भी डाल सकेंगे। --
2. नीले कूड़ेदान में आप डाल सकेंगे सूखा कूड़ा :
- प्राकृतिक रूप से नष्ट न होने वाले कचरे को डालेंगे।
- रीसाइकल करने योग्य सूखे हुए कूड़े को डाल सकेंगे।
- कागज, प्लास्टिक के सामान, पालीथिन डाल सकेंगे।
- कांच के बर्तन, चमड़े के सामान, गत्ते के सामान डालेंगे।
- सामान पैक करने वाली सामग्री इस डस्टबिन में डालेंगे।
- स्टील, अन्य धातु, चिथड़े आदि इस श्रेणी में शामिल हैं।
- रबर से निर्मित, लकड़ी के सामान, बल्ब, ट्यूबलाइट। वर्जन
नियमों को तोड़ने पर यह है जुर्माने का प्रावधान :
श्रेणी : जुर्माना
1. गली-सड़क पर कूड़ा डालने पर : 200 रुपये प्रति बार
2. खुले में शौच-पेशाब करने पर : 200 रुपये प्रति बार
3. गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग न डालने पर : 100 रुपये प्रति बार
4. सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग कूड़ेदान में न रखने पर : 100 रुपये प्रति बार
5. होटल, मैरिज पैलेस, विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थानों द्वारा सूखा-गीला
कूड़ा अलग-अलग न रखने और निष्पादन न करने पर : 10000 रुपये प्रति बार
6. सी एंड डी वेस्ट को सड़क पर डालने पर : 1500 रुपये प्रति बार
7. रेहड़ियों पर डस्टबिन न रखने और सड़क पर कचरा डालने पर : 300 रुपये प्रति बार
8. मीट बेचने वालों द्वारा कूड़ा सड़क या फिर नालों पर डालने पर : 300 रुपये प्रति बार
9. क्लब, सिनेमा हाल, सामुदायिक केंद्रों पर सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग न रखने और निष्पादन न करने पर : 5000 रुपये प्रति बार
10. दुकानों, प्रतिष्ठानों, आवासों पर सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग न रखने और सुचारू रूप से निष्पादन न करने पर : 500 रुपये प्रति बार
11. भंडारे-अन्य आयोजन आदि के बाद कूड़ा न उठवाने पर : 500 रुपये प्रति बार
12. होटल द्वारा सड़क पर कूड़ा डालने पर : 20000(प्रति माह)
13. रेस्टोरेंट द्वारा सड़क पर कूड़ा डालने पर : 10000(प्रति माह) -- प्रतिबंधित प्लास्टिक-पालीथिन प्रयोग पर यह है जुर्माने का प्रावधान :
ग्राम तक : जुर्माना
1. 100 ग्राम तक : 500
2. 101 से 500 ग्राम तक : 1500
3. 501 ग्राम से एक किलो ग्राम तक : 3000
4. एक किलो ग्राम से पांच किलो ग्राम तक : 10000
5. पांच किलो ग्राम से 10 किलो ग्राम तक : 20000
6. 10 किलो ग्राम तक या फिर इससे अधिक : 25000 नोट : जुर्माने की रकम रुपये में।
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