एक माह पहले पिता बने थे लोकेंद्र सिंधु, 7 दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे; बेटे के साथ पत्नी ने दी अंतिम विदाई
चूरू में दुर्घटनाग्रस्त हुए जगुआर विमान में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु का पार्थिव शरीर रोहतक पहुंचा। वायुसेना के अधिकारियों ने परिवार को सांत्वना दी। पत्नी सुरभि ने बेटे संग अंतिम दर्शन किए। भाई ने हिम्मत बंधाई। पिता ने पोते को खिलाते हुए वीडियो कॉल की बात बताई। रोहतक में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

जागरण संवाददाता, रोहतक। चुरू में दुर्घटनाग्रस्त हुए जगुआर में बलिदान हुए वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधु का पार्थिव शरीर वीरवार शाम साढ़े 6 बजे रोहतक पहुंच गया। शहर की देव कॉलोनी में सबसे पहले वायुसेना की टुकड़ी के साथ आए अधिकारियों ने घर में स्वजनों को सांत्वना देते हुए पूरे मामले की जानकारी दी।
इसके बाद बलिदानी की पत्नी डॉ. सुरभि ने अपने एक महीने के बेटे के साथ पति के अंतिम दर्शन किए। बड़े भाई ज्ञानेंद्र अपनी बहन अंशी का हाथ पकड़कर बोले कि भाई लोकेंद्र को एक स्माइल के साथ अंतिम विदाई देंगे, रोना मत। पर अपनों की विदाई में आंसू नहीं थमे।
जवानों की टुकड़ी ने दी अंतिम विदाई
पिता जोगेंद्र सिंह अपने एक महीने के पोते को हाथ में खिलाते भावुक हो गए। बोल पड़े कि हादसे से पहले वीडियो कॉल के जरिये ही बेटे का अंतिम बार चेहरा देखा था। पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार रोहतक शीला बाइपास स्थित श्मशान भूमि पर किया गया। इस दौरान वायुसेना के जवानों की टुकड़ी ने सलामी भी दी।
बता दें कि लोकेंद्र सिंह सिंधु शादी के साढ़े 4 साल बाद एक महीने पहले ही 10 जून को पिता बने थे। इसके बाद 30 जून को ही लोकेंद्र सिंह दोबारा ड्यूटी पर लौटे थे। हादसे से पहले लोकेंद्र सिंह ने फैमिली ग्रुप में अपने बेटे के साथ बिताए सुखद पलों की फोटो भी शेयर की थी।
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