शोध के बिना नूतन ज्ञान में वृद्धि संभव नहीं : डा. अंजना राव
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जागरण संवाददाता, रोहतक : बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में बुधवार को शिक्षा विभाग द्वारा रिसर्च मैथडालोजी एंड पब्लिकेशंस एथिक्स विषय पर 14 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। मस्तनाथ विश्वविद्यालय की उप कुलाधिपति डा. अंजना राव ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि शोध उस प्रक्रिया का नाम है। जिसमें संबंधित क्षेत्र में विशेष तथ्यों के आधार पर संकलन कर तार्किक बुद्धि से अवलोकन और विश्लेषण कर नए तथ्यों का संकलन किया जाता है। शोध के बिना ज्ञान और विज्ञान में वृद्धि संभव नहीं है। यदि शोध के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करना है तो हमें शोध की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा। शोध अनवरत रूप से चलने वाली प्रक्रिया है जो अपने सिद्धांतों एवं नियमों की कसौटी पर खरा न उतरने की स्थिति में सफल नहीं हो सकती।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार ने शोधार्थियों को रिसर्च एंड पब्लिकेशन एथिक्स के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि शोध हमारे ज्ञान के विस्तार में सहायता प्रदान करता है। मानव समाज की समस्याओं के हल का रास्ता ही शोध है। शोध से ही तार्किक और समीक्षात्मक अनुशीलन की ²ष्टि मिलती है। शोध की गुणवत्ता को उत्तम बनाने के लिए इस रिफ्रेशर कोर्स के माध्यम से फिलासफी एंड एथिक्स, साइंटिफिक कंडक्ट, पब्लिकेशन एथिक्स,ओपन एथिक्स पब्लिशिग, पब्लिकेशन मिसकंडक्ट और डाटाबेस एंड रिसर्च मैट्रिक्स के विषय में अवगत कराया जाएगा।
इस मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. नवीन कुमार, परीक्षा नियंत्रक डा. मुकेश सिगला, मानविकी संकाय के डीन प्रो. बीएम यादव, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. ललित कुमार, स्टूडेंट वेलफेयर डा. रवि राणा, फैकल्टी आफ ला की डिप्टी डीन डा. ऋतु, फैकल्टी आफ साइंस के डिप्टी डीन डा. मनोज वर्मा, डिपार्टमेंट आफ फिजियोथैरेपी के डा. राजीव अरोड़ा, हास्पिटल मैनेजर डा. नवदीप बिसला व शोथार्थी आनलाइन उपस्थित रहे।

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