IPS पूरन कुमार के कहने पर मांगी थी ढाई लाख की रिश्वत, गनमैन सुशील कुमार को लेकर चार्जशीट में हुए बड़े खुलासे
एक चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि आईपीएस पूरन कुमार के कहने पर ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। गनमैन सुशील कुमार ने यह रिश्वत आईपीएस के निर्देश पर मांगी थी। चार्जशीट में कई अहम खुलासे हुए हैं, जो इस मामले की गंभीरता को दर्शाते हैं। अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बाएं- आईपीएस वाई पूरन कुमार फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, पंचकूला। दिवंगत आईपीएस पूरन कुमार से जुड़े रिश्वत मामले में पुलिस ने गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ विस्तृत जांच पूरी कर ली है और इस बाबत अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। आरोपपत्र के अनुसार, एफआईआर नंबर 319/2025 दिनांक 06 अक्टूबर 2025 को पुलिस स्टेशन अर्बन एस्टेट, रोहतक में दर्ज की गई थी। जिसके बाद कार्रवाई की गई।
इस बाबत दिवंगत आईपीएस पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार पर एक लोकल वाइन कॉन्ट्रैक्टर से ढाई लाख रुपये मांगने का आरोप था। इस मामले में शिकायतकर्ता ने मांग से जुड़ी बातचीत की ऑडियो और रिकॉर्डिंग और घटना का वीडियो भी पेश किया। आरोपपत्र के अनुसार, सुशील कुमार पर एफआईआर उस दौरान दर्ज की गई जिस वक्त वह पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
गनमैन ने स्वीकार किया जुर्म
पुलिस की चार्जशीट के अनुसार, सुशील कुमार से पूछताछ की गई और उन्हें वीडियो फुटेज और ऑडियो बातचीत दिखाई गई। इस बीच उसने आरोप स्वीकार किया और बताया कि वह बिना किसी ऑर्डर के आईजीपी पूरन कुमार के साथ काम कर रहा था। उसने बताया कि उसने यह रिश्वत आईपीएस पूरन कुमार के आदेश पर मांगी थी।
आरोपपत्र के अनुसार, सुशील कुमार को 07 अक्टूबर, 2025 को गिरफ्तार किया गया और उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। उसी दिन आईपीएस पूरन कुमार ने सुसाइड किया था। जब कोर्ट से मंजूरी मिली तो सुशील कुमार के वॉयज सैंपल लिए गए। इस बीच फॉरेंसिक रिपोर्ट ने कन्फर्म किया कि शिकायत करने वाले के दिए गए सैंपल और ऑडियो रिकॉर्डिंग में आवाज मैच हो गई।
आरोप-पत्र में कहीं गई ये बातें
- फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह भी पुष्टि हुई कि सुशील कुमार शराब ठेकेदार के ऑफिस में मौजूद थे।
- फॉरेंसिक रिपोर्ट के अनुसार, ईएएसआई सुशील कुमार दिवंगत आईपीएस पूरन कुमार के लगातार संपर्क में थे, और दोनों बातचीत के लिए इंटरनेट (VoIP) कॉल और फेसटाइम मैसेंजर का इस्तेमाल कर रहे थे।
- FSL की मोबाइल डेटा एनालिसिस रिपोर्ट से पता चला कि सुशील कुमार SHO और क्राइम टीम समेत कई पुलिस अधिकारियों के संपर्क में था और आईजीपी की ओर से उनसे पैसे मांग रहा था।
- FSL ने उनके मोबाइल से कई दस्तावेज बरामद किए, जो विभागीय कार्रवाई, ट्रांसफर अनुरोध और आदेशों से जुड़े थे, और जिनको देखने या रखने का उन्हें अधिकार नहीं था।
- जांच में पता चला कि वह पुलिस अधिकारियों पर उनके सेवा संबंधी विभिन्न मामलों को सुलझाने के लिए पैसे देने का दबाव डाल रहा था।
- जांच के दौरान सभी पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
- सुशील कुमार आईजीपी के ऑफिस में एक अलग रूम में थे, जबकि उन्हें वहां औपचारिक रूप से पोस्ट नहीं किया गया था। वह कॉस्टेबल रैंक के अधिकारी थे और नियमों के अनुसार उन्हें अलग ऑफिस का अधिकार नहीं था।
- सुशील कुमार पिछले कुछ महीनों से VIP रेस्ट हाउस, सर्किट हाउस रोहतक में रह रहे थे, और उनके लिए कमरा आईजीपी रोहतक रेंज कार्यालय द्वारा बुक किया गया था।
- अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन ने अंतिम चार्जशीट तैयार की और इसे 20 नवंबर 2025 को कोर्ट में जमा किया।

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