पिता ने मनसा देवी मंदिर में मांगी थी मन्नत, अब बेटी शेफाली ने रच दिया इतिहास; मां बोलीं- आते ही खिलाऊंगी चटनी-रोटी
रोहतक में शेफाली वर्मा के घर पर भारतीय टीम की जीत का जश्न मनाया गया। शेफाली के पिता संजीव वर्मा की प्रेरणा और धैर्य की सीख ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फाइनल से पहले परिवार ने मनसा देवी मंदिर में मन्नत मांगी थी। शेफाली ने टीम में चयन की खबर सबसे पहले अपनी मां को दी थी। घर लौटने पर शेफाली का स्वागत पसंदीदा चटनी-रोटी से किया जाएगा।

पिता ने गेम चेंज कर खेलने की दी सलाह, तो बेटी ने रचा इतिहास।
प्रियंका देशवाल, रोहतक। जैसे-जैसे भारतीय टीम जीत की ओर बढ़ती गई, वैसे-वैसे शेफाली वर्मा के घर जश्न का माहौल बनता गया। उनके घर पर स्वजन और रिश्तेदारों का तांता लग गया। परिवार के सदस्यों ने मैच खत्म होने से पहले ही ढोलक की थाप पर थिरकना शुरू कर दिया, वहीं दूसरी ओर आतिशबाजी की गई। करीब 11:40 बजे जब साउथ अफ्रीका की टीम 221 रन पर 8 विकेट खो चुकी थी, तभी परिवार ने जीत का जश्न शुरू कर दिया था।
शेफाली वर्मा की ऐतिहासिक पारी के पीछे उनके पिता संजीव वर्मा की सलाह का भी अहम योगदान रहा। पिता ने बेटी को धैर्य के साथ खेल पर टिके रहने की सीख दी थी। सेमीफाइनल में अच्छा स्कोर न कर पाने के बाद शेफाली थोड़ी निराश थी। तब पिता ने कहा था सिर्फ विकेट पर टिके रहना, रन अपने आप आ जाएंगे। शेफाली ने वही किया और टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। हालांकि, शतक से चूकने पर पिता संजीव थोडे़ निराश जरूर हुए लेकिन बेटी के प्रदर्शन पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं।
फाइनल मैच से पहले संजीव वर्मा ने राजस्थान की मनसा देवी मंदिर में जाकर टीम के जीत की मन्नत मांगी थी। उनके साथ चाचा मुकेश, भाई अमन और अंकित भी रविवार सुबह मनसा देवी पहुंचे थे। भारतीय टीम में चयन की जानकारी शेफाली ने सबसे पहले अपनी मां परवीन बाला को दी थी।
परवीन बाला ने बताया कि शेफाली ने फोन करके कहा बोलो, एक खुशखबरी है, सोचो क्या हो सकता है। मैंने कहा टीम में सिलेक्शन हो गया क्या? तो उसने खुशी-खुशी कहा हां, भारतीय टीम में मेरा चयन हो गया। शेफाली ने मां से कहा था कि भगवान ने मुझे मौका दिया है, अब मैं इस पर खरी उतरूंगी और टीम को जिताने की पूरी कोशिश करूंगी।
मां बोलीं- अब शेफाली को खिलाऊंगी उसकी पसंदीदा चटनी-रोटी
बेटी की शानदार पारी के बाद पिता संजीव वर्मा ने सबसे पहले घर के मंदिर में जाकर भगवान का आशीर्वाद लिया। उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। उन्होंने बेटी के प्रदर्शन और टीम की जीत को माता मनसा देवी की कृपा बताया। मां परवीन बाला ने कहा कि माता रानी की कृपा से ही बेटी को भारतीय टीम में जगह मिली और टीम ने फाइनल में जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि अब शेफाली के घर लौटने पर पूरा परिवार फिर से माता रानी के दरबार में जाकर प्रसाद चढ़ाएगा।
परवीन बाला ने मुस्कराते हुए कहा शेफाली को सबसे ज्यादा चटनी-रोटी पसंद है। जब वो घर लौटेगी, तो उसका स्वागत उसी के पसंदीदा खाने से करूंगी। वहीं, पिता संजीव वर्मा और स्वजन सोमवार को मुंबई रवाना हो गए हैं, ताकि शेफाली से मिलकर जीत का जश्न मना सकें।

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