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    हरियाणा में स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए जरूरी खबर, शिक्षा विभाग ने उठाया बड़ा कदम; मिलेगा ये फायदा

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 02:40 PM (IST)

    हरियाणा शिक्षा विभाग ने 200 आउट ऑफ स्कूल बच्चों को ओपन स्कूलिंग के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। 16 से 19 वर्ष के इन बच्चों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी जिसके लिए 4 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है। प्रत्येक बच्चे को संरक्षक शिक्षक मिलेगा और ऑनलाइन आवेदन 30 सितंबर तक किए जा सकते हैं।

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    प्रदेश में स्कूल न जाने वाले 200 बच्चों को मिलेगा ओपन स्कूलिंग से पढ़ाई का अवसर। सांकेतिक तस्वीर

    प्रियंका देशवाल, रोहतक। शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में अब प्रदेश के 200 आउट ऑफ स्कूल बच्चों को ओपन स्कूलिंग के माध्यम से दोबारा पढ़ाई का अवसर दिया जा रहा है। यह कदम उन बच्चों के लिए आशा की नई किरण है, जिन्होंने आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से बीच में पढ़ाई छोड़ दी थी। इस योजना के तहत माध्यमिक स्तर पर इन बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

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    शिक्षा विभाग ने इसके लिए चार लाख रुपये का बजट मंजूर किया है। यानी प्रत्येक विद्यार्थी पर 2,000 रुपये खर्च किए जाएंगे। शिक्षा बोर्ड भिवानी के तत्वावधान में संचालित राज्य मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के माध्यम से यह विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। इस पहल में 16 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे शामिल हैं। अधिकांश बच्चे आर्थिक तंगी से स्कूल छोड़ने को मजबूर हुए थे। विभाग ने विशेष अभियान चलाकर ड्रापआउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों की पहचान की है।

    हर बच्चे के लिए सरंक्षक शिक्षक होगा नियुक्त, नियमित होगी निगरानी अब संबंधित सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को बच्चों का हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करवाना होगा। बोर्ड की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार विद्यार्थी बिना विलंब शुल्क के एक से 30 सितंबर निर्धारित फीस के साथ आवेदन कर सकते हैं। जबकि इसके बाद विलंब शुल्क देना होगा।

    इसके तहत एक से 15 अक्टूबर तक आवेदन किया जा सकता है। हालांकि इन बच्चों के पास जन्म तिथि प्रमाण पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, नगर पालिका का रिकार्ड या सरकारी अस्पताल से मेडिकल सर्टिफिकेट आदि जरूरी दस्तावेज होने चाहिए। बच्चे के पंजीकरण से लेकर अन्य सभी जिम्मेदारी विभाग की ओर से चिन्हित नोडल अधिकारी को सौंपी गई है जो बच्चों का पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करेंगे। इतना ही नहीं हर बच्चे को एक संरक्षक शिक्षक नियुक्त किया जाएगा, जो पढ़ाई और परीक्षा तैयारी में मार्गदर्शन देगा। जबकि बीआरपी व शिक्षा अधिकारी शैक्षणिक सहयोग और नियमित निगरानी करेंगे।

    शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के 200 आउट ऑफ स्कूल बच्चों को दोबारा से मुख्यधारा से जोड़ने की तैयारी की जारी है। इसके लिए प्रत्येक चिन्हित विद्यार्थी के लिए बजट भी जारी किया गया है। इन बच्चों का पंजीकरण ऑनलाइन माध्यम से संबंधित क्षेत्र के सरकारी स्कूल की शिक्षकों के माध्यम से कराया जाएगा। - बिजेंद्र हुड्डा, डीपीसी, रोहतक।