होरी नाटक ने किसानों की पीड़ा को किया उजागर
सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस की ओर से घरफूंक थियेटर फेस्टिवल में प्रेमचंद के उपन्यास गोदान पर आधारित होरी नाटक का मंचन किया गया। ब्लैक पर्ल्स आर्ट्स दिल्ली के कलाकारों के अभिनीत नाटक का लेखन विष्णु प्रभाकर ने एवं निर्देशन राघव कुमार ने किया। महिला एवं बाल विकास सोसाइटी हरियाणा की पूर्व उपाध्यक्ष आशा हुड्डा ने कलाकारों को पौधा देकर सम्मानित किया। उन्होंने कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की कहा कि वे जब भी वह रोहतक में होंगी कार्यक्रम में अवश्य आएंगी। आर्टिस्ट पवन मल्होत्रा और अभिनव टोली के जगदीप जुगनू व उनकी टीम को भी सम्मानित किया।

जागरण संवाददाता, रोहतक : सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस की ओर से घरफूंक थियेटर फेस्टिवल में प्रेमचंद के उपन्यास गोदान पर आधारित होरी नाटक का मंचन किया गया। ब्लैक पर्ल्स आर्ट्स दिल्ली के कलाकारों के अभिनीत नाटक का लेखन विष्णु प्रभाकर ने एवं निर्देशन राघव कुमार ने किया। महिला एवं बाल विकास सोसाइटी हरियाणा की पूर्व उपाध्यक्ष आशा हुड्डा ने कलाकारों को पौधा देकर सम्मानित किया। उन्होंने कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की, कहा कि वे जब भी वह रोहतक में होंगी, कार्यक्रम में अवश्य आएंगी। आर्टिस्ट पवन मल्होत्रा और अभिनव टोली के जगदीप जुगनू व उनकी टीम को भी सम्मानित किया।
पात्र होरी के ईदगिर्द नाटक की कहानी
नाटक का मुख्य पात्र होरी जिंदगी भर बेबसी का जीवन जीता है और अपनी मर्यादा की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहता है। वह लगातार कष्ट सहकर भी सबको खुश रखने की भरसक कोशिशें करता है। इसके बावजूद वह अपनी गरिमा की रक्षा नहीं कर पाता। होरी अपने मन की एक लालसा का वर्णन करता है कि उसके घर में भी एक गाय बंधे। कुछ जुगाड़ करके वह गाय ले भी आता है लेकिन परिवार की यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिकती। गाय की अकाल मृत्यु हो जाती है, जो होरी व उसकी पत्नी धनिया को बहुत आघात पहुंचाती है। होरी और धनिया की •ादिगी तब और कठिन हो जाती है जब उनका बेटा गोबर, झुनिया को गर्भवती करके काम करने के लिए शहर भाग जाता है। ज्यादा काम करने की वजह से होरी बीमार पड़ जाता है और अकाल मृत्यु हो जाती है। नाटक किसान की दुर्दशा के बारे में एक गंभीर सवाल खड़ा कर देता है।
अर्चित मलकोटी ने निभाई होरी की भूमिका
होरी की भूमिका अर्चित मलकोटी, धनिया की भूमिका प्रीति ने निभाई। इसके अलावा सचिन किरोड़ीवाल, नेहा बंसल, श्रुतिका, अमृता, सौरभ, सागर, युवराज, मनीष, वीर गहलौत, अभिमन्यु, वैभव, साहिल, अनिकेश और विकास ने भूमिका निभाई। देवांश वर्मा ने संगीत दिया। मेकअप सिमरन सिंह और मनीष का रहा। मंच की व्यवस्था ध्रुव यादव ने संभाली। इस मौके पर भगत फूलसिंह विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार कविता शर्मा, खुशबू मल्होत्रा, मोनू, पवन मल्होत्रा, इंदरजीत सिंह भयाना, यशपाल छाबड़ा, डा. आरएस दहिया, हंसा रानी, टीकाराम, डा. एसजेडएच नकवी, अनिल सैनी, विश्वदीपक त्रिखा, अविनाश सैनी, सुजाता, यतिन वधवा, विकास रोहिल्ला, डा. हरीश वशिष्ठ, डा. सुरेंद्र शर्मा, जगदीप जुगनू, रवि रविद्र, रिकी बतरा महक कथूरिया, राहुल आदि मौजूद रहे।
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