बराला के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस दो फाड़, हुड्डा और तंवर आमने-सामने
आइएएस की बेटी से छेड़छाड़ के मामले में सुभाष बराला के इस्तीफे को लेकर कांग्रेसी दिग्गज आमने-सामने हैं। तंवर ने इस्तीफे की मांग की है, जबकि हुड्डा ने इसे भाजपा का निजी मामला बताया।
जेएनएन, रोहतक। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के इस्तीफे की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर आमने-सामने हैं। तंवर का कहना है कि बराला का इस्तीफा कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा के सांसद व विधायक भी मांग कर रहे है और यह जरूरी भी है। वहीं हुड्डा ने बराला के इस्तीफे को लेकर कहा था कि यह भाजपा का निजी मामला है।
पूर्व सीएम ने कहा कि वर्णिका को न्याय मिलना चाहिए। पूर्व सीएम के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का फैसला नहीं है, और पूर्व सीएम का अपना निजी बयान हो सकता है। पार्टी सुभाष बराला के इस्तीफे की मांग पर पूरी तरह से कायम है और जब तक वर्णिका को न्याय नहीं मिल जाता पार्टी हर स्तर पर आंदोलन करने को तैयार है। उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार पर भी सवाल उठाए और कहा कि जिस तरह से मामले की जांच की गई है सीधे-सीधे गृहमंत्रालय की भूमिका संदिग्ध रही है।
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रविवार को तंवर रोहतक पहुंचे और निजी कार्यक्रम में शिरकत की। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बराला प्रकरण में चंडीगढ़ पुलिस की जांच शुरू से ही घेरे में रही है। उन्होंने कहा कि अगर सुभाष बराला में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें अपने पद से त्याग पत्र देना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने बयान दिया वह बेहद निंदनीय है।
अशोक तंवर ने संत गोपालदास को जेल भेजने को लेकर कहा कि सरकार गायों के नाम पर राजनीति करती है और जिन लोगों को जेल में भेजना चाहिए उन्हें तो भेज नहीं रही, बल्कि साधु-संतों को जेलों में डाल रही है। साथ ही उन्होंने सरकार के कैटल फ्री अभियान पर भी सवाल उठाए। चाहे फतेहाबाद हो या रोहतक हर जगह बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे है।
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