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    Haryana News: हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ में 220 अधिवक्ताओं की डिग्रियां फर्जी, लाइसेंस रद; वकालत पर लगेगी रोक

    Updated: Tue, 07 May 2024 07:54 AM (IST)

    Haryana News पंजाब-हरियाणा और चंडीगढ़ बार काउंसिल ने द सर्टिफिकेट एंड पैलेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरिफिकेशन रूल्स 2015) के अंतर्गत प्रशासनिक समिति हरियाणा का गठन किया था। संस्था ने रजिस्टर्ड अधिवक्ताओं कै शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जिसमें 220 अधिवक्ताओं की डिग्री फेक साबित हुई। अब ये अधिवक्ता भविष्य में असली डिग्री के आधार पर भी वकालत नहीं कर सकेंगे।

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    Haryana News: हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ में 220 अधिवक्ताओं की डिग्रियां फर्जी

    ओपी वशिष्ठ, रोहतक। Haryana News: पंजाब-हरियाणा व चंडीगढ़ बार काउंसिल के पंजीकृत 220 अधिवक्ताओं की शैक्षणिक डिग्रियां फर्जी मिली हैं। फर्जी डिग्री के आधार पर वकालत करने वाले अधिवक्ताओं के लाइसेंस रद किए जाएंगे।

    इतना ही नहीं, इनरोलमेंट सूची से उनके नाम भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे भविष्य में वैध डिग्री लेकर भी वकालत नहीं कर सकेंगे। काफी अधिवक्ताओं पर एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश भी बार काउंसिल द्वारा गठित समिति ने की है।

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    220 अधिवक्ताओं की डिग्री निकली फर्जी

    पंजाब-हरियाणा व चंडीगढ़ बार काउंसिल ने द सर्टिफिकेट एंड पैलेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरिफिकेशन रूल्स 2015) के तहत प्रशासनिक समिति हरियाणा का गठन किया था। इस समिति ने पंजीकृत अधिवक्ताओं के शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जांच की। जांच में 220 अधिवक्ताओं की डिग्री फर्जी मिली।

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    जिन अधिवक्ताओं की डिग्री फर्जी पाई गई, उनको व्यक्तिगत रूप से नोटिस देकर सुनवाई के लिए बुलाया गया, लेकिन अधिकतर तथाकथित अधिवक्ता समिति के सामने पेश ही नहीं हुए। कुछ ने समिति को सिफारिश करते हुए पंजीकरण सूची से नाम हटाने का आग्रह किया।

    पंजीकरण सूची से हटा नाम

    ऐसे सौ से अधिक तथाकथित अधिवक्ताओं के नाम पंजीकरण सूची से हटा दिए गए हैं। अन्य को भी सुनवाई के लिए दोबारा मौका दिया गया है। अगर सुनवाई के दौरान उन्होंने अपनी शैक्षणिक डिग्रियों के प्रमाण दे दिए तो ठीक, अन्यथा उनका भी लाइसेंस रद कर पंजीकरण सूची से नाम हटा दिया जाएगा।

    जांच में 220 अधिवक्ताओं की डिग्री फर्जी मिली है। सौ से अधिक को सुनवाई के लिए बुलाया जा चुका है। कोई भी सत्यता प्रमाण नहीं दे पाया। लाइसेंस रद कर दिए गए हैं। पांच वर्ष तक प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं के भी प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी।

    -डॉ. विजेंद्र अहलावत, चेयरमैन, बार काउंसिल पंजाब, हरियाणा चंडीगढ़ द्वारा गठित समिति।

    वैध डिग्री से भी नहीं कर सकेंगे वकालत

    फर्जी डिग्री वाले अधिवक्ताओं के फर्जी शैक्षणिक सर्टिफिकेट्स जमा करवा लिया गया है। लाइसेंस रद कर दिए और इनरोलमेंट सूची से भी नाम हटा दिए हैं।

    सभी फर्जी डिग्री वालों पर कार्रवाई और एफआइआर करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को सफारिश की गई है। जिन लोगों की फर्जी डिग्री मिली है, वे भविष्य में वैध डिग्री के आधार पर भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे।

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