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    खेती-किसानी में खुश रहते थे गुलशन खट्टर, सादगी भरा रहा जीवन

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 13 Aug 2021 11:50 PM (IST)

    जागरण संवाददाता रोहतक मुख्यमंत्री मनोहर लाल के छोटे भाई 57 वर्षीय गुलशनलाल खट्टर खेती-कि ...और पढ़ें

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    खेती-किसानी में खुश रहते थे गुलशन खट्टर, सादगी भरा रहा जीवन

    जागरण संवाददाता, रोहतक : मुख्यमंत्री मनोहर लाल के छोटे भाई 57 वर्षीय गुलशनलाल खट्टर खेती-किसानी करते थे। उनका जीवन सादगी भरा रहा। बड़े भाई मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद उनमें कोई बदलाव नहीं आया और गांव बनियानी में पुस्तैनी जमीन पर खेती-बाड़ी संभालते थे। शुक्रवार तड़के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा गृहमंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री कंवर लाल गुर्जर, महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा समेत अनेक मंत्री, विधायक, पार्टी पदाधिकारी व विपक्षी दलों के नेताओं ने उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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    मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बचपन जिले के गांव बनियानी में बीता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित पांच भाई और दो बहने हैं। सबसे बड़े मनोहर लाल, उसके बाद जगदीश लाल, चरणजीत खट्टर, गुलशन लाल खट्टर व सबसे छोटे विजय खट्टर हैं। गुलशन लाल पहले गांव बनियानी में ही रहते थे। बाद में रोहतक के भिवानी चुंगी स्थित राजेंद्र कालोनी में मकान बना लिया और परिवार के साथ रहने लगे। गुलशन लाल गांव में पुस्तैनी जमीन पर खेती करते थे। वह अपनी हिस्से की जमीन के अलावा अन्य चारों भाईयों की जमीन को भी संभालते थे। गुलशन लाल को अक्सर खेतों में ट्रैक्टर चलाते, ट्यूबल से सिचाई करते व फसल काटते देखा जाता था। इतना ही नहीं कंधे पर कस्सी लेकर खेत में खुद ही काम करते थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भाई जगदीश लाल दिल्ली के रोहिणी में रहते हैं जबकि चरणजीत रोहतक के प्रीत विहार तथा विजय गुरुग्राम में परिवार के साथ रहते हैं। पांच भाईयों की दो बहनें संतोष और सुमन भी हैं। गुलशन लाल का जीवन पूरी तरह से सादगी से भरा हुआ था। बड़े भाई मनोहर लाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उनकी जीवनशैली और स्वभाव में कोई बदलाव नहीं आया। उनके परिवार में पत्नी वृषा, दो बेटे नीरज व केशव तथा एक बेटी सोनम हैं।

    छह जुलाई को सीएम पीजीआइ आए थे हालचाल जानने

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल छह अगस्त को पीजीआइ में भर्ती गुलशन लाल के स्वास्थ्य का हालचाल जानने आए थे। पीजीआइ के आइसीयू में भर्ती थे और उनकी हालत गंभीर थी। लेकिन चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य में सुधार का आश्वासन दिया था। निमोनिया बिगड़ने की शिकायत उनको बताई जा रही थी। पीजीआइ में जब कोई सुधार नहीं होता दिखा तो स्वजन बुधवार को गुरुग्राम स्थित मेदांता मेडिसिटी अस्पताल ले गए थे, जहां उनका उपचार चल रहा था। शुक्रवार तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

    भाई के सीएम बनने के बाद कभी चंडीगढ़ नहीं गए गुलशन

    पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सात साल कार्यकाल में गुलशन लाल शायद कभी चंडीगढ़ गए हो। उन्होंने राजनीति से कभी कोई वास्ता नहीं रखा। जीवन पर्यंत अपने भाई और मुख्यमंत्री के राजनीतिक जीवन का कभी दुरुपयोग नहीं किया। खेत में रहकर अपने परिवार का गुजारा किया। गुलशन जैसी सादगी राजनीतिक परिवारों में कम ही देखने को मिलती है।

    इन्होंने किया शोक प्रकट

    भाजपा नेता शमशेर खरकड़ा, प्रदीप जैन, विधायक बीबी बतरा, शकुंतला खटक, वीना ग्रोवर, रोहतक नगर निगम के महापौर मनमोहन गोयल, मंडलायुक्त पंकज यादव, उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, एमडीयू के वीसी राजबीर सिंह, भाजपा के जिलाध्यक्ष अजय बंसल, सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, रमेश भाटिया, रामअवतार वाल्मीकि, प्रतिभा सुमन, सुनीता लोहचब, किरण, सतीश नांदल, जिला मीडिया प्रभारी तरूण सन्नी शर्मा, सन्नी हंस, सुरेश किराड़, राज शर्मा, रेनू डाबला, राजेश सहगल, सूरजपाल अम्मू, पवन आहूजा, कुलविदर सिंह सिक्का, बाबा कालीदास, महंत बाबा कर्णपुरी, स्वामी परमानंद महाराज, सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहें।