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    दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म का महत्व बताया

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 28 Aug 2020 06:19 AM (IST)

    जागरण संवाददाता रोहतक झूठे वचनों का त्याग करना और आत्मा में सत्याचरा लाना सत्य धर्म ह ...और पढ़ें

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    दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन उत्तम सत्य धर्म का महत्व बताया

    जागरण संवाददाता, रोहतक :

    झूठे वचनों का त्याग करना और आत्मा में सत्याचरा लाना सत्य धर्म है। जो वस्तु जैसी है उसे वैसा ही मानना सत्य है। सत्य के विपरीत मिथ्यात्व ही समस्त संसार में भ्रमण का कारण है। इसलिए हमें सत्य धर्म को अंगीकार करना चाहिए। यही लक्ष्ण हमें मोक्ष की और ले जाता है। ग्रीन रोड स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन मंदिर के पंडित ने उत्तम सत्य धर्म का महत्व बताया गया। समाज सेवी उद्योगपति डा. एसके जैन व पांच श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा अर्चना व अभिषेक किया। मीडिया प्रभारी राजीव जैन ने बताया मंदिर में विनय पाठ भी किया गया। आदिनाथ भगवान की महाआरती की गई। आचार्य विद्यासागर महाराज का आदेश मानते हुए श्रद्धालुओं ने विधान, पूजा अर्चना व महाआरती अपने घरों में किए। महिलाओं व पुरूषों ने व्रत भी रखे हुए हैं। श्रद्धालुओं ने पर्व बड़ी ही सादगी के साथ मनाया। श्रद्धालुओं ने साधु संतो के उत्तम सत्य के प्रवचन सोशल मीडिया पर सुने और दर्शन किए। इस अवसर पर कुनाल जैन, चक्रेश जैन, अजित जैन, नरेंद्र जैन, संतोष जैन, त्रिशला जैन, ट्रैसी जैन, सुमन जैन, शांति जैन, भारत भूषण जैन, रचना जैन, मधु जैन, नमन जैन, रमेश जैन, चिराग जैन आदि भक्तजन मौजूद थे।

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