काला पीलिया पर जीत की मुहिम के नायक हैं डॉक्टर प्रवीण
जागरण संवाददाता, रोहतक : कहते हैं लोगों को अपने अधिकारों के प्रति कहीं भी जागरूक किया
जागरण संवाददाता, रोहतक : कहते हैं लोगों को अपने अधिकारों के प्रति कहीं भी जागरूक किया जा सकता है। इसके लिए किसी संगठन की भी विशेष जरूरत नहीं है। जज्बा हो तो यह काम अकेला इंसान भी कर सकता है। कुछ ऐसे ही काले पीलिया को जड़ से खत्म करने को एक डॉक्टर ने मुहिम छेड़ी हुई है। हालांकि डॉक्टर पीजीआइ के हैं लेकिन उन्होंने न केवल अनेक मरीजों को नया जीवन दान दिया है। बल्कि मरीजों को दवाई भी निश्शुल्क देने के लिए संघर्ष किया है।
बता दें कि काले पीलिया को लेकर लोगों में कई तरह के अंधविश्वास चल रहे थे। जिससे अनेक मरीजों की मौत तक हो रही थी। डॉ. ने उनको अंधविश्वासों से बाहर निकाला और उपचार के लिए जागरूक किया। यह सिलसिला चार साल से चल रहा है। जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआइएमएस) के लाला श्यामलाल अति विशिष्ट चिकित्सा केंद्र के गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष एवं प्रमुख नोडल अधिकारी डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने वर्ष 2013 में काले पीलिया का इलाज शुरू किया था। भले ही डॉ. पीजीआइ में सेवाएं दे रहे हैं लेकिन मरीजों को स्वास्थ्य लाभ के लिए वह देर शाम तक भी काम करते हैं। जबकि ओपीडी का समय दोपहर बाद ही पूरा हो चुका होता है। काले पीलिया का इलाज के लिए उन्होंने निश्शुल्क दवाओं के लिए भी संघर्ष किया। चूंकि अब तक उनके इस प्रयास से हजारों मरीजों की जान बची है। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों के डॉक्टरों को भी ट्रे¨नग दी है ताकि काले पीलिया के मरीजों का उपचार उनके जिलों में ही किया जा सके। हालांकि अभी तक हिसार, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र सोनीपत व पंचकुला जिलों के डाक्टरों को ट्रे¨नग दी गई है लेकिन आगामी समय पर प्रदेश के तमाम जिलों के डाक्टरों को इसकी ट्रे¨नग दी जाएगी।
अब तक दस हजार मरीजों का उपचार
डॉ.प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि पीजीआइ में हरियाणा सरकार द्वारा जीवनरेखा स्कीम चलाई जा रही है। इसके तहत पूरे हरियाणा में अब इसके मरीजों का फ्री इलाज किया जा रहा है। प्रदेश में अबतक लगभग दस हजार मरीजों का उपचार फ्री में किया जा चुका है जबकि करीब पांच हजार का उपचार चल रहा है। अकेले रोहतक पीजीआइ में ही फिलहाल लगभग 800 मरीजों का निश्शुल्क इलाज चल रहा है। इसके टेस्ट भी फ्री किए जा रहे हैं।
लोगों को करते हैं जागरूक
इस बीमारी के मरीजों के प्रति उनसे समर्पण व सेवा भाव के चलते उनको संगठनों ने सम्मानित भी किया है। वह अनाथालय के बच्चों को भी समय समय पर सामान उपलब्ध कराते हैं और उनके बीच जाकर खाना भी खाते हैं। इसके अलावा भी डॉ. अनेक प्रकार के सामाजिक कार्यों में भाग लेकर लोगों को काला पीलिया के प्रति जागरूक करते हैं। डॉ. ने बताया कि इस बीमारी को लेकर लोगों में इसके ठीक न होने संबंधी अनेक अंधविश्वास बने हुए थे जिनको समझाया गया। उन्होंने गांवों में जाकर भी मरीजों के परिजनों को इसके प्रति जागरूक किया।
वर्जन
डॉ. प्रवीण मल्होत्रा अपने पेशे के साथ साथ समाज सेवा के कार्य में भी आगे रहते हैं। वह अर्पण संस्था में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के बीच न केवल समय व्यतीत करते हैं बल्कि उनके लिए खिलौने आदि भी लेकर जाते हैं। वह ओपीडी मरीजों को भी सांय तक अकसर अटेंड करते हैं। सभी मरीजों को रोजाना अटेंड करने के बाद ही घर जाते हैं।
- देवेंद्र चहल, रेडक्रास सचिव ।
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