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डाक्टर ने कहा था प्रशांत को अकेला न छोड़ें, मजबूरी में भेजा हॉस्टल

जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइएमएम के हॉस्टल में आत्महत्या करने वाला प्रशांत अपनी मां क

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 08:28 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 08:28 AM (IST)
डाक्टर ने कहा था प्रशांत को अकेला न छोड़ें, मजबूरी में भेजा हॉस्टल
डाक्टर ने कहा था प्रशांत को अकेला न छोड़ें, मजबूरी में भेजा हॉस्टल

जागरण संवाददाता, रोहतक : पीजीआइएमएम के हॉस्टल में आत्महत्या करने वाला प्रशांत अपनी मां की मौत के बाद टूट चुका था। वह हमेशा गुमसुम रहता था। कुछ माह पहले भी वह हाथ की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास कर चुका था, लेकिन समय पर उपचार मिलने के कारण उसकी जान बचा ली गई थी। वह आखिरी बार 10 दिसंबर को अपने घर गया था, जिसके बाद पेपर होने के कारण वह लौट आया। डाक्टरों ने काउंसिलिंग के दौरान परिजनों को उसे अकेला नहीं छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन मजबूरी में प्रशांत को हॉस्टल में छोड़ा गया था।

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दरअसल, पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र प्रशांत दो भाइयों में छोटा था। बड़ा भाई हेमंत हिसार में ही अपने पिता के साथ रहता था। करीब एक साल पहले बीमारी के कारण प्रशांत की मां की मौत हो गई थी। इससे प्रशांत काफी टूट चुका था। वह अपने पिता और भाई से भी दूरी बनाकर रखता था। इसी तनाव में उसने कुछ माह पहले भी हाथ की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया था। चूंकि वह नाना-नानी के बेहद करीब था। इसलिए इस घटना के बाद उसके नाना-नानी हॉस्टल में पहुंचे थे और उसे काफी समझाया था। वहीं डाक्टरों ने सलाह भी दी थी कि प्रशांत को अकेला छोड़ना ठीक नहीं है। मगर पढ़ाई के कारण उसे अकेला छोड़ना पड़ रहा था। इसका हश्र यह हुआ कि प्रशांत ने खुद को खत्म कर लिया। कमरे में चलता मिला हीटर

शुरुआती जांच में यह माना जा रहा था कि हीटर के कारण कमरे में गैस बनी होगी, जिस कारण उसकी मौत हुई। मगर प्रशांत का शव काफी फूला हुआ था। इससे आशंका जताई जा रही है कि उसने जहरीला पदार्थ खाया है। उसके खाने का टिफिन भी कमरे के बाहर रखा हुआ था। हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे, जिससे यह पता चल सके कि वह आखिरी बार कब कमरे से निकला था। न किया जाए मेरी डैडबॉडी का पोस्टमार्टम

सुसाइड नोट के अनुसार प्रशांत मौत के बाद अपने शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहता था। उसने लिखा कि मैं प्रशांत चौहान आत्महत्या कर रहा हूं। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। अगली लाइन में अपने भाई के नाम संदेश में लिखा है कि करण गेरा को कुछ मत बोलना, उसकी कोई गलती नहीं है। मैं नहीं चाहता कि मेरी डेडबॉडी का पोस्टमार्टम किया जाए। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह करण गेरा कौन है। परिजन भी इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहे। पिता को भी कर दिया था रोहतक शिफ्ट होने से मना

डाक्टरों की सलाह के बाद प्रशांत से उसके पिता ने कहा था कि वह रोहतक में शिफ्ट हो जाएंगे। इसके लिए वहीं पर तबादला करा लेंगे। मगर प्रशांत ने उन्हें मना कर दिया। उसने कहा कि यहां पर मैं अकेला ही ठीक हूं। हालांकि परिजन समय-समय पर उसके पास आते रहते थे। यह उठ रहे सवाल

हॉस्टल में छात्र की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला सवाल यह है कि दो दिन तक कमरा बंद रहने के बावजूद किसी ने यह सुध तक नहीं ली। सफाई कर्मचारी से लेकर गार्ड ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं उसके पेपर भी कई दिन पहले खत्म हो चुके थे तो वह घर क्यों नहीं गया। हॉस्टल में छात्रों के लिए रोजाना टिफिन में खाना आता है। सभी छात्रों के कमरों के सामने खाली टिफिन रखे हुए थे। एक टिफिन प्रशांत के कमरे के सामने भी था। ऐसे में सवाल यह है कि जो व्यक्ति टिफिन लेकर आता है उसने भी यह क्यों नहीं देखा कि पहले दिन का टिफिन से खाना क्यों नहीं खाया गया। फिलहाल पुलिस सभी तथ्यों पर जांच कर रही है। हॉस्टल में आत्महत्या की पहली घटना नहीं

हॉस्टल में आत्महत्या का यह पहला मामला नहीं है। कुछ साल पहले फार्मेसी की एक छात्रा ने भी हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा भी कई अन्य मामले हो चुके हैं। पढ़ाई के कारण छात्र काफी तनाव में रहते हैं। इसके लिए पीजीआइ की तरफ से काउंसि¨लग के ग्रुप बनाए गए हैं। समय-समय पर उनकी काउंसि¨लग की जाती है। बैचमेट बोले-क्लास से सीधे कमरे पर चला जाता था प्रशांत

प्रशांत के बैचमेट रवि, दीपक और साहिल का कहना है कि वह काफी मिलनसार था, लेकिन जब से उसकी मां की मौत हुई थी वह काफी टूट चुका था। वह शांत रहने लगा था। कभी किसी के साथ कोई मतलब नहीं रखता था। वह क्लास खत्म होने के बाद सीधे कमरे पर चला जाता था। वह कभी किसी के साथ पार्टी या अन्य समारोह में भी नहीं जाता था। वर्जन

मां की मौत के बाद प्रशांत काफी तनाव में रहता था। हालांकि पढ़ाई में वह होशियार था। पहले भी आत्महत्या का प्रयास कर चुका था। इसके बाद उसके परिजनों को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया था। घटना बेहद दुखद है।

आरबी जैन, हॉस्टल सुपरिंटेंडेंट


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