हरियाणा के गांवों से दिखेगी डिजिटल भारत की राह, बिहार के बाद अब ट्राई रोहतक में करेगी पायलट स्टडी
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) हरियाणा के रोहतक जिले से ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति का अध्ययन शुरू करेगा। छह गांवों में डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता का आकलन किया जाएगा। इसका उद्देश्य डिजिटल इंडिया मिशन को प्रभावी बनाना है। ट्राई राष्ट्रीय डिजिटल कनेक्टिविटी इंडेक्स तैयार करेगा। हरियाणा, बिहार के बाद यह परियोजना लागू करने वाला दूसरा राज्य है। यह अध्ययन डिजिटल नीति निर्माण में सहायक होगा और ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करेगा।

जागरण संवाददाता, रोहतक। ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति की गति और उसकी जमीनी स्थिति को मापने के लिए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) एक व्यापक अध्ययन शुरू करने जा रहा है। इसकी शुरुआत हरियाणा के रोहतक जिले से होगी, जहां चयनित छह गांवों में डिजिटल सेवाओं की उपलब्धता, नेटवर्क कवरेज, इंटरनेट गति और ई-सेवाओं की पहुंच का सर्वे किया जाएगा।
इस अध्ययन के तहत देशभर के गांवों की डिजिटल कनेक्टिविटी और सेवाओं की गुणवत्ता का आकलन किया जाएगा, ताकि डिजिटल इंडिया मिशन के उद्देश्यों को जमीन पर और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
ट्राई इसके लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल कनेक्टिविटी एंड सर्विसेज इंडेक्स तैयार करेगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों की डिजिटल क्षमता का मानक सूचक बनेगा।
इससे पहले बिहार में यह प्रयोग किया जा चुका है, और अब हरियाणा इस परियोजना को लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बनेगा। ट्राई के विशेषज्ञ दल द्वारा किया जाने वाला यह अध्ययन भविष्य में डिजिटल नीति निर्माण, नेटवर्क सुधार और ग्रामीण इलाकों में सेवा विस्तार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।
डेटा संग्रह नहीं, डिजिटल बदलाव की पहल
परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, इस डिजिटल इंडेक्स का मकसद सिर्फ आंकड़े जुटाना नहीं, बल्कि डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में ठोस बदलाव लाना है। इससे ग्रामीण नागरिकों को बेहतर मोबाइल नेटवर्क, तेज इंटरनेट, आनलाइन शिक्षा, डिजिटल बैंकिंग, टेलीमेडिसिन और सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
ये सर्वे देश में भविष्य के हर बदलाव की बनेगा जरूरत
यह पहल न केवल ग्रामीण डिजिटल ढांचे का मूल्यांकन करेगी, बल्कि भविष्य की नीतियों के लिए मानक सूचकांक भी तैयार करेगी, जिससे यह तय किया जा सकेगा कि किस क्षेत्र में नेटवर्क सुधार, डिजिटल प्रशिक्षण या सेवा विस्तार की आवश्यकता है।
इसके तहत भारत के हर गांव में इंटरनेट, डिजिटल सेवाओं और ई-गवर्नेंस की उपलब्धता और गुणवत्ता को मापने वाला रेटिंग फ्रेमवर्क तैयार होगा। लक्ष्य डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों को शहरी स्तर की डिजिटल सुविधाओं से जोड़ना है।
रोहतक के छह गांवों में होगी फील्ड वेरिफिकेशन
पायलट अध्ययन के लिए रोहतक जिले के छह गां, महम ब्लाक के शेखपुर तितरी, मोखरा खास, चांदी, कलानौर ब्लाक के माड़ौधी जाटान, रोहतक ब्लाक के भैय्यापुर और बहुअकबरपुर को चिन्हित किया गया है। ट्राई की विशेषज्ञ टीम इन गांवों का भौतिक निरीक्षण करेगी। इसमें नेटवर्क कवरेज, इंटरनेट गति, मोबाइल टावरों की उपलब्धता, सार्वजनिक वाई-फाई, डिजिटल भुगतान सेवाओं और सरकारी ई-सेवाओं की पहुंच जैसे मानकों की जांच होगी।
हरियाणा इस मिशन का आदर्श केंद्र बनेगा। इस सर्वे के परिणाम न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे देश के लिए डिजिटल नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे। -राजपाल चहल, नोडल अधिकारी, जिला रोहतक
तीन मंत्रालयों के डाटा का होगा उपयोग
अध्ययन में ट्राई ग्रामीण विकास मंत्रालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों का उपयोग करेगा। हालांकि टीम स्वयं गांवों में जाकर जमीनी स्थिति का सत्यापन करेगी।
डिजिटल खाई पाटने की दिशा में ये बड़ी पहल
सर्वे पूरा होने के बाद ट्राई देशभर में इसी तरह के सर्वे अन्य जिलों में भी शुरू करेगा। इससे न केवल ग्रामीण-शहरी डिजिटल अंतर को कम किया जा सकेगा, बल्कि गांवों में भी शहरों जैसी डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध कराने का रास्ता खुलेगा।

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