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    देव उठनी एकादशी, मांगलिक कार्य शुरू, शादियों के लिए होटलों में बुकिंग फुल

    By Jagran NewsEdited By: Manoj Kumar
    Updated: Fri, 04 Nov 2022 09:47 AM (IST)

    आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा होती है। देवउठनी एकादशी पर विवाह-शादियों के लिए विशेष मुहूर्त होता है।

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    हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाता है

    जागरण संवाददाता, राेहतक : देवोत्थान या देवउठनी एकादशी आज है। पंडितों के मुताबिक इसी दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य भी शुरू होंगे। होटल कारोबार से जुड़े व्यावसायिकों व पंडितों की मानें तो  रोहतक में 250 से अधिक जोड़े इस दिन परिणय सूत्र में बंधेंगे। ऐसे में विवाह-शादियों के लिए होटल रेस्तरा में इस दिन बुकिंग फुल बताई जा रही है। पंडितों का कहना है कि हिंदू शास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व है। दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा होती है।

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    देवउठनी एकादशी पर विवाह-शादियों के लिए विशेष मुहूर्त होता है। इस दिन के बाद फिर दो दिसंबर से विवाह मुहूर्त होंगे। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में इसे प्रबोधनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी, देवउठनी ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु के चार महीने बाद योग निद्रा के उठने के उपलक्ष्य में रखा जाता है।

    इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और उनसे परिवार के कल्याण की प्रार्थना की जाती है। इस वर्ष यह व्रत चार नवंबर शुक्रवार  के दिन रखा जाएगा। देवउठनी एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्य पुनः शुरू हो जाते हैं। हिंदू शास्त्रों में भी इस दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा के साथ-साथ व्रत कथा का भी पाठ किया जाता है

    कब कब होंगे शुभ मुहूर्त

    पंडित मनोज मिश्र ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक देवउठनी एकादशी के बाद दिसंबर माह में विवाह मुहूर्त दो दिसंबर, चार दिसंबर, सात दिसंबर, आठ दिसंबर, नौ दिसंबर और 14 दिसंबर को होंगे। इसके बाद 15 जनवरी से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे।

    --शहर में 200 से अधिक होटल रेस्टोरेंट व बैंक्वेटहाल हैं। देवोत्थान एकादशी को लेकर सभी में पहले से ही बुकिंग फुल है। इस दिन 250 से अधिक जोडे परिणय सूत्र में बंधने का अनुमान है। देवोत्थान एकादशी को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है।

    - रितेश दलाल, उप प्रधान, होटल, रेस्टोरंट व बैक्वेटहाल एसोसिएशन, रोहतक ।