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    सीनियर डिप्टी मेयर पर बनी सहमति, डिप्टी मेयर पद में हो गया खेल

    रोहतक निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव में नियुक्त किए गए पानीपत ग्रामीण से विधायक महीपाल ढांडा पूरी तरह से खरे नहीं उतर सके।

    By JagranEdited By: Updated: Thu, 03 Dec 2020 07:14 AM (IST)
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    सीनियर डिप्टी मेयर पर बनी सहमति, डिप्टी मेयर पद में हो गया खेल

    ओपी वशिष्ठ, रोहतक

    भाजपा संगठन की तरफ से नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के चुनाव में नियुक्त किए गए पानीपत ग्रामीण से विधायक महीपाल ढांडा पूरी तरह से खरे नहीं उतर सके। सीनियर डिप्टी मेयर के पद पर तो सहमति बनाने में सफल रहे, लेकिन डिप्टी मेयर पर न तो सहमति बनी और न ही बंद लिफाफे में दिए गए नाम को जीत दिला सके। डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के पार्षद मिलकर खेल कर गए और पुराने कांग्रेसी पार्षद अनिल कुमार को कुर्सी पर बैठा दिया। हालांकि वर्तमान में वे भाजपा में ही हैं।

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    पर्यवेक्षक, पूर्व मंत्री व मेयर को लगा झटका

    सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर पर्यवेक्षक विधायक महीपाल ढांडा, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर और मेयर मनमोहन गोयल काफी दिनों से पार्षदों में एकमत बनाने का प्रयास कर रहे थे। सांसद डा. अरविद शर्मा भी पूरी दिलचस्पी के साथ इस काम में नजर आए। दोनों ही पदों पर सर्वसम्मति बनाना चाहते थे। लेकिन ऐन वक्त पर उनकी रणनीति पर पानी फेर दिया। पर्यवेक्षक ने बंद लिफाफे में सीनियर डिप्टी मेयर के लिए राजकमल उर्फ राजू सहगल और डिप्टी मेयर के लिए धर्मेंद्र उर्फ पप्पन गुलिया का नाम मेयर को सौंपा था। लेकिन डिप्टी मेयर पर पप्पन गुलिया के नाम पर सहमति नहीं बनी और भाजपा के ही अनिल कुमार के नाम का प्रस्ताव बैठक में रख दिया। इस पद पर चुनाव हुआ और अनिल कुमार छह वोट ज्यादा लेकर विजयी हुए।

    पर्यवेक्षक अपनी बिरादरी के पार्षदों को नहीं कर सके एकजुट

    भाजपा को पहले से आभास था कि नगर निगम चुनाव में जाट पार्षद खेल बिगाड़ सकते हैं। इसलिए संगठन ने पानीपत ग्रामीण से जाट विधायक महीपाल ढांडा को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी। पर्यवेक्षक ढांडा ने भाजपा के 20 पार्षदों के साथ दो बार बैठकें की और संगठन की तरफ से दोनों पदों पर सर्वसम्मति बनाने का आह्वान किया। सीनियर डिप्टी मेयर पंजाबी बिरादरी से राजू सहगल पर सर्वसम्मति हो गई। लेकिन डिप्टी मेयर पर जाट बिरादरी से धर्मेंद्र गुलिया पर एकमत नहीं हुए। इस पद पर दूसरे जाट पार्षद अनिल कुमार को उतार दिया और जीत भी उन्हीं की गई। अनिल कुमार कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

    कांग्रेसी पार्षदों ने पहले ही कर दिया था दावा

    बेशक, नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के दो ही कदम सिंह अहलावत और गुलशन ईशपुनियानी पार्षद हैं। वैसे तो कदम सिंह अहलावत भी खुद को निर्दलीय ही बताते हैं, लेकिन वे कांग्रेस के सभी कार्यक्रमों में शामिल रहते हैं। बरोदा उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार भी किया था। जो भी हो, दोनों कांग्रेस पार्षदों ने पहले ही दावा कर दिया था कि चुनाव में खेल बिगाड़ेंगे। एक दिन पहले भी कदम सिंह अहलावत ने दावा किया था कि उनके साथ 13 पार्षद हैं और जिसे चाहगे, उसे जिताएंगे। उनकी बात डिप्टी मेयर के पद पर सच हो गई। अनिल कुमार, जो पहले कांग्रेस में थे, उनको कुर्सी पर बैठा दिया। सीनियर डिप्टी मेयर के दावेदार में दिखी टीस

    पार्षद कंचन खुराना भी सीनियर डिप्टी मेयर के लिए दावेदारी थीं। उनके पति पूर्व पार्षद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक खुराना ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था। लेकिन दोनों ही पदों में उनका नाम शामिल नहीं था। इस बारे में अशोक खुराना की टीस बाहर भी निकली है। उन्होंने पार्टी व संगठन ने उनके साथ अन्याय किया है। दोनों ही पदों में पार्टी उम्मीदवार चुनने में धनबल व बाहुबल की विशेष भूमिका रही। डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की हार इसका प्रमाण है। उन्होंने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर हठधर्मिता के आरोप भी लगाए हैं।