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    Haryana News: त्योहारी सीजन में रोशन होगा शहर, अंतिम चरण में 86 करोड़ की बिजली योजना

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 06:29 PM (IST)

    रोहतक में त्योहारी सीजन में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी की आरडीएसएस योजना अंतिम चरण में है। 86 करोड़ रुपये की इस योजना का 90% काम पूरा हो चुका है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही शेष काम पूरा हो जाएगा जिससे बिजली कटौती और ओवरलोड की समस्या से निजात मिलेगी। शहर में कमजोर तारों की जगह नई केबलें डाली जा रही हैं।

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    Haryana News: त्योहारी सीजन में रोशन होगा शहर। फोटो जागरण

    नेहा किन्हा, रोहतक। शहरवासियों को त्योहारी सीजन में बिना कटौती के बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी की ओर से शुरू की गई पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) अब अंतिम चरण में है।

    इस महत्वाकांक्षी योजना पर 86 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और अब तक इसका करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अधिकारियों का दावा है कि आने वाले एक से दो महीनों में शेष काम भी निपटा लिया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को लंबे समय तक बिजली कटौती और ओवरलोड की समस्या से निजात मिलेगी।

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    शहर में चल रहा यह काम केवल तत्काल सुविधा के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बिजली आपूर्ति को अधिक सक्षम और विश्वसनीय बनाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाई वोल्टेज, लोड शेडिंग और बार-बार होने वाली कटौती जैसी समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।

    कमजोर तारों की जगह नई केबल

    शहर में पुराने और जर्जर तारों को हटाकर उच्च क्षमता वाली नई केबल डाली जा रही हैं। खासतौर पर गर्मी के मौसम में जब बिजली की मांग सबसे अधिक बढ़ जाती है, तब ओवरलोड और ट्रिपिंग जैसी समस्याएं आम हो जाती थीं। इन्हें स्थायी तौर पर हल करने के लिए 71 फीडरों पर अपग्रेडेशन का काम किया जा रहा है। अब तक कई इलाकों में केबल बदलने और ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का कार्य पूरा हो चुका है।

    बजट और प्रगति का रिपोर्ट कार्ड

    इस प्रोजेक्ट पर कुल स्वीकृत लागत 86 करोड़ रुपये है, जिसमें से अब तक 78 करोड़ रुपये का काम पूरा हो चुका है। 392 स्थानों पर 120 एमएम केबल बिछाई जानी थी, जिनमें से अधिकांश इलाकों में काम पूरा कर लिया गया है। इसी तरह 95 एमएम और 50 एमएम केबल लगभग 92 किलोमीटर से ज्यादा हिस्से में बिछाई जा चुकी है।

    • - 11 केवी अंडरग्राउंड केबल का 81 किलोमीटर लक्ष्य था, जिसमें से 65.89 किलोमीटर (81%) पूरा हो गया है।
    • - साढ़े तीन एमएम केबल का काम 76.55 प्रतिशत और अन्य केबल का काम 80 प्रतिशत प्रगति पर है।
    • - ओवरलोडेड 11 केवी फीडरों के बिफर्केशन का काम 11 किलोमीटर में से 8.56 किलोमीटर (77.82%) हो चुका है।
    • - फीडर अपग्रेडेशन का काम भी 8 किलोमीटर में से 6.24 किलोमीटर (78%) तक पहुंच गया है।

    ट्रांसफार्मर और पोल अपग्रेडेशन भी लगभग पूरा

    योजना के तहत 100 ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड किया जाना था, जिनमें से 95 ट्रांसफार्मर अपग्रेड हो चुके हैं। 500 नए 11 मीटर पीसीसी पोल लगाए जाने थे, जिनमें से 485 पोल खड़े कर दिए गए हैं। वहीं, वीसीबी की स्थापना का काम भी 30 में से 29 यूनिट (96.67%) पूरा कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि इन सुधारों से शहर की बिजली सप्लाई में स्थायी मजबूती आएगी।

    मरम्मत और रखरखाव भी जारी

    इस योजना के बड़े कार्यों के साथ-साथ रोजाना मरम्मत और रखरखाव का काम भी किया जा रहा है। मानसरोवर पार्क के सामने बिजली की तारों की मरम्मत की गई और पेड़ों की टहनियों की कटाई कर दी गई, ताकि भविष्य में तार टूटने या दुर्घटना का खतरा न रहे।

    निगम का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करना ही नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं को बिना व्यवधान बिजली उपलब्ध कराना है। त्योहारी सीजन में जब बिजली की खपत बढ़ती है, तब उपभोक्ताओं को बिना कटौती बिजली मिले, इसके लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है।

    शहर में तार बदलने और केबल बिछाने का अधिकांश काम सितंबर तक पूरा हो जाएगा। पूरा होने के बाद शहर में न केवल बिजली कट की समस्या घटेगी, बल्कि फ्यूज उड़ने जैसी शिकायतें भी काफी हद तक खत्म हो जाएंगी। अभी शहर में 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

    - रामेंद्र मलिक, कार्यकारी अभियंता, बिजली निगम।