कांग्रेस पार्टी से काली भेड़ों को निकालना होगा बाहर : सुभाष बतरा
उत्तर प्रदेश पंजाब गोवा उत्तराखंड व मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी में ही एक-दूसरे के खिलाफ विरोधी स्वर उठना शुरू हो गए हैं।

जागरण संवाददाता, रोहतक : उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड व मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी में ही एक-दूसरे के खिलाफ विरोधी स्वर उठना शुरू हो गए हैं। राज्य के पूर्व गृहमंत्री सुभाष बतरा और पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कांग्रेस की हार से आहत होकर जी-23 नेताओं पर हमला बोला। साथ ही, कांग्रेस आलाकमान को भी इन नेताओं पर कार्रवाई नहीं करने पर पार्टी को कमजोर करने का जिम्मेदार ठहराया है। दोनों नेताओं ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत की।
पूर्व मंत्री सुभाष बतरा ने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी को अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग लगातार की जाती रही है। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। आलाकमान को अब सख्त निर्णय लेने होंगे, अन्यथा कांग्रेस गर्त में चली जाएगी और फिर उसे दोबारा से उठाना मुश्किल हो जाएगा। कांग्रेस कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश की बात करें तो अभी तक संगठन नहीं बना है। सात से आठ साल से जिला और खंड स्तर पर संगठन नहीं बना है। जब तक पदाधिकारी पार्टी में नहीं बनेंगे, तब तक कार्यकर्ताओं का जुड़ाव नहीं हो सकेगा। उन्होंने जी-23 नेताओं को तुरंत पार्टी से बाहर निकालने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और भाजपा से मिले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।
कांग्रेस का वोट नहीं दलों में छिटक जाएगा
पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की आपसी गुटबाजी और संगठन नहीं बनने से बड़ा नुकसान हो रहा है। कांग्रेस का वोट बैंक धीरे-धीरे अन्य दलों की तरफ छिटक रहा है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनना तय थी, लेकिन नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी की तरफ खिसक गया। अगर नेताओं की एकजुटता रहती तो बड़े बहुमत से कांग्रेस दूसरी बार पंजाब में सरकार बनाती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नवी आजाद के आवास पर धरना-प्रदर्शन भी करेंगे। उनके साथ कांग्रेस नेता सतीश कुमार बंधु और मीनाक्षी नांदल मौजूद थीं।
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