Baba Balaknath: राजस्थान का CM चेहरा... मिलिए 'योगी 2.0' से, यूपी सीएम की तरह लोगों को भाता है बालकनाथ का सनातनी प्रेम
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम आने के बाद बीजेपी की ओर से वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ (Baba Balaknath) सीएम पद की रेस में प्रबल दावेदार हैं। बाबा बालकनाथ को लोग यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की तरह ही मानते हैं। लोगों को उनका सनातनी प्रेम काफी पसंद आता है। साथ ही सीएम योगी बाबा बालकनाथ को सीएम पद के लिए पैरवी कर चुके हैं।
ओपी वशिष्ठ, रोहतक। बाबा मस्तनाथ मठ के मठाधीश महंत योगी बालकनाथ को योगी-2 कहा जाता है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जिस तरह से सनातन धर्म को लेकर मुखर रहते हैं, उसी तरह बाबा बालकनाथ भी सनातन धर्म की रक्षा को लेकर अग्रणी भूमिका में रहते हैं।
उत्तरप्रदेश में राष्ट्रविरोधी और सनातन विरोधी लोगों को योगी आदित्य नाथ ने कड़ा संदेश दिया, उसी तरह राजस्थान के चुनाव में बालकनाथ योगी ने उन लोगों को राजस्थान छोड़कर कहीं अन्य जाने की बातें प्रचार के दौरान कही। उनके इसी लहजे को राजस्थान की जनता ने पसंद किया और योगी-2 की चर्चाएं होने लगी। इन सब कारणों के चलते ही राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए बालकनाथ की मजबूत दावेदारी है।
राष्ट्रवाद और सनातन मुद्दों पर रखते खुलकर राय
बाबा मस्तनाथ मठ नाथ संप्रदाय का बड़ा केंद्र है। इस मठ की राजनीति में भी बड़ी भागीदारी रही है। बाबा बालकनाथ मठ से तीसरे महंत हैं, जो सक्रिय राजनीति में हैं। 2019 में अलवर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने मुखर होकर जनता के बीच सनातन और राष्ट्रवाद की बातें रखी थी। जब भी संसद में बोलने का अवसर मिला, उन्होंने अपने इलाके के विकास की बात को प्राथमिकता दी।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाबा बालकनाथ को तिजारा विधानसभा सीट से मैदान में उतरा। बाबा ने इस सीट पर कमल खिलाने का काम किया। इस सीट से भाजपा के कम ही विधायक विधानसभा में जा सके हैं। तिजारा से निर्वाचित होते ही बाबा बालकनाथ सीएम पद के दावेदार हो गए। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ उनको सीएम बनाने की पैरवी पहले ही कर चुके हैं।
राजनीति के खिलाड़ी हैं 39 वर्षीय बालक नाथ
39 वर्षीय बाबा बालक नाथ ने राजनीतिक गुर अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी से सीखें हैं। बाबा मस्तनाथ मठ में जब उनको उत्तराधिकारी बनाया गया, तब मठ में कुछ लोगों को इसको लेकर विरोध था, लेकिन उन्होंने अपनी सूझबूझ के चलते शांतिपूर्ण और सभी की सहमति से यह काम संपूर्ण कराया। बता दें कि महंत चांदनाथ योगी ने बाबा बालकनाथ को 29 जुलाई 2016 को अपना उतराधिकारी घोषित किया था।
महंत चांदनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और योग गुरु बाबा रामदेव की मौजूदगी में 19 सितंबर 2017 को बाबा मस्तनाथ मठ का मठाधीश घोषित किया गया था। महंत चांदनाथ योगी अलवर से सांसद थे। उपचुनाव होना था, जिसमें महंत बालकनाथ योगी की दावेदारी थी। लेकिन 2019 में भाजपा ने अलवर से मैदान में उतरा और सांसद बन गए। जब विधाानसभा चुनाव में उतारा तो कयास लगने शुरू हो गए थे कि भाजपा बहुमत में आई तो बाबा बालकनाथ सीएम बन सकते हैं। बाबा बालकनाथ को जब भी राजनीति में कोई अवसर मिला, उसे हाथ से नहीं जाने दिया, राजनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया है।
चुनाव से पहले अस्थल बोहर से दिया बड़ा संदेश
राजस्थान में विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने से पहले बाबा मस्तनाथ मठ में बड़ा धार्मिक आयोजन किया। दो दिवसीय कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, देश के प्रमुख साधु-संतों को आमंत्रित किया। इतना ही नहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, योग गुरु बाबा रामदेव भी समारोह में पहुंचे, जिन्होंने इशारों में राजस्थान चुनाव में बाबा बालकनाथ को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात कही। इस कार्यक्रम की गूंज पूरे देश में गई। यह आयोजन बाबा बालकनाथ योगी की राजनीतिक समझ को दर्शाता है।
सीएम बने तो हरियाणा में होगा भाजपा को फायदा
अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ रोहतक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विधानसभा क्षेत्र में आता है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने क्षेत्र के अलावा रोहतक, सोनीपत, झज्जर में काफी मजबूत हैं। रोहतक लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में भी मठ का बड़ा योगदान रहता है। इसके अलावा रेवाड़ी, नारनौल, भिवानी, गुरुग्राम, फरीदाबाद में भी बाबा बालकनाथ योगी के सीएम बनने से भाजपा को बड़ा फायदा हो सकता है।
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