आयुष्मान योजना के जरिए चौथे दिन भी नहीं हुआ इलाज, इमरजेंसी के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी
Haryan News रोहतक में भारतीय चिकित्सा संघ हरियाणा ने आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में इलाज बंद करने का फैसला किया है जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। जिले के 43 निजी अस्पतालों का लगभग 25 करोड़ रुपये सरकार पर बकाया है जिसके कारण यह निर्णय लिया गया।

जागरण संवाददाता, रोहतक। भारतीय चिकित्सा संघ हरियाणा की ओर से प्रदेश भर के निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद करने का फैसला लिया गया है।
जिसके तहत रविवार को चौथा दिन रहा है। जब मरीजों को योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं मिला पाया है। इससे सबसे ज्यादा उन मरीजों को दिक्कतें हो रही है।
जिन्हें इमरजेंसी में मरीज को एडमिट करवाना पड़ रहा है, लेकिन स्वजन जब मरीज को लेकर निजी अस्पताल पहुंचते है तो उन्हें आयुष्मान के तहत इलाज करने से मना कर दिया जाता है। जिसके कारण मरीजो को सरकारी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।
जिले में 43 निजी अस्पताल हैं
बता दें कि जिले से 43 निजी अस्पताल आयुष्मान के तहत जुड़े हुए हैं। जिनका करीब 25 करोड़ बजट बकाया सरकार की ओर से दिया जाना बाकी है। जो अभी तक निजी अस्पतालों को नहीं दिया गया है। है।
जिसके कारण निजी अस्पताल ने लंबे समय से भुगतान ना होने के कारण काम का शट डाउन कर दिया है। इतना ही नहीं अब आईएमए का कहना है कि सरकार द्वारा बार बार ऐसा किया जा रहा है। जबकि उन्हें मरीजों को मुफ्त इलाज देना पड़ रहा है।
वहीं दूसरी ओर दवाइयों, जांच, डाक्टरों की सैलरी, स्टाफ खर्च, बिजली-पानी और मशीनों के मेंटेनेंस जैसे खर्च लगातार बढ़ रहे है, लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है।
सरकार द्वारा लंबे समय से निजी अस्पतालों का आयुष्मान योजना के तहत जिले के अस्पतालों का करीब 25 करोड़ रुपए बकाया है। जिसे लेकर फिलहाल इलाज बंद किया गया है और अगर सरकार अस्पतालों का बिल देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तब तक अस्पतालों में इलाज बंद रहेाग। क्योंकि इससे पहले भी भुगतान ना होने पर आईएमए के निर्णय पर इलाज बंद कर दिया गया था, लेकिन सरकार दोबारा अब फिर से लंबे समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है।- डॉ. आरती साहू, जिला प्रधान, आईएमए रोहतक।
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