ASI संदीप लाठर ने सुसाइड से पहले इंचार्ज को भेजी थी वीडियो, लोगों ने वाइफ से छिपाकर रखी थी ये बड़ी बात
रोहतक में एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या के मामले में नए तथ्य सामने आए हैं। संदीप ने मरने से पहले एक वीडियो मैसेज इंचार्ज अमित को भेजा था, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। लोकेशन ट्रेस करने पर संदीप का शव लाढ़ौत-धामड़ रोड के पास मिला। घटना की जानकारी उसकी पत्नी को देर रात तक छिपाई गई थी।

ASI संदीप लाठर का पोस्टमार्टम आज सुबह होगा (फाइल फोटो संदीप)
मनोज खर्ब, रोहतक। वरिष्ठ आइपीएस पूरन कुमार को भ्रष्ट बता आत्महत्या करने वाले रोहतक पुलिस की साइबर सेल के एएसआइ संदीप लाठर की मौत में अब कई नई बातें सामने आ रही हैं।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संदीप लाठर ने मंगलवार सुबह करीब 10 बजे से ही किसी के भी फोन कॉल रिसीव नहीं किए थे। इसके बाद सहकर्मियों को शक हुआ तो उन्होंने संदीप से संपर्क करने की कोशिशें शुरू की गईं।
इंचार्ज एएसआई अमित को भेजा वीडियो
ये भी सामने आया है कि संदीप ने आत्महत्या से पूर्व जो वीडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था वो उसे सबसे पहले रोहतक पुलिस की साइबर सैल के इंचार्ज एएसआइ अमित को भेजा था। जैसे ही ये वीडियो देखा गया तो पूरे महकमे में हड़कंप मच गया।
सूत्रों के अनुसार वीडियो प्राप्त होते ही साइबर टीम अलर्ट मोड में आ गई थी। टीम ने संदीप के फोन से उनकी लोकेशन ट्रेस करनी शुरू कर दी। दोपहर डेढ़ बजे के करीब संदीप की लोकेशन लाढ़ौत-धामड़ रोड के आसपास की मिली।
पत्नी करती रही कॉल, बताने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया
पुलिस ने संदीप का शव बरामद किया तो उसका फोन भी मिल गया था। संदीप के फोन पर देर शाम तक उसकी पत्नी ने कई बार कॉल किए। लेकिन कोई भी उसे अनहोनी की जानकारी देने की हिम्मत नहीं जुटा सकता। जुलाना में रहने वाले संदीप के परिवार के लोग घटना की सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही रोहतक आ गए थे।
प्रारंभिक जांच और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, संदीप ने खुद को सर्विस पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या की। घटना मंगलवार शाम की है, लेकिन इसकी जानकारी संदीप की पत्नी को देर रात तक नहीं दी गई। परिजनों ने बताया कि संदीप की पत्नी जुलाना स्थित पैतृक घर गई हुई थी। शाम को उसे केवल यह सूचना दी गई कि संदीप का एक्सीडेंट हुआ है।
संदीप के सिर से भी उठा था पिता का साया
परिवार के अनुसार, संदीप के पिता भी पुलिस विभाग में थे और लगभग इसी उम्र में उनका भी निधन हुआ था। उस समय संदीप किशोरवस्था में था। जिस उम्र में संदीप के सिर से पिता का साया उठा उसी उम्र के अपने बच्चों को अकेला छोड़ संदीप दुनिया से चला गया।
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