Arjun Award 2023: हरियाणा के अर्जुन: इस साल तीन खिलाड़ियों ने बढ़ाया दूध-दही व घी का मान, 9 जनवरी को मिलेगा सम्मान
हरियाणा के तीन खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड (Arjun Award) के लिए चयनित किया गया है। हिसार की पहलवान अंतिम पंघाल (Antim Panghal) और सोनीपत के पहलवान सुनील मलिक (Sunil Malik) के अलावा झज्जर की दीक्षा डागर को गोल्ड में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर यह अवार्ड दिया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में नौ जनवरी को आयोजित समारोह में अर्जुन अवार्ड से नवाजेंगी।
ओपी वशिष्ठ, रोहतक। हरियाणा के तीन खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड (Arjun Award) के लिए चयनित किया गया है। हिसार की पहलवान अंतिम पंघाल और सोनीपत के पहलवान सुनील मलिक के अलावा झज्जर की दीक्षा डागर को गोल्ड में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर यह अवार्ड दिया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में नौ जनवरी को आयोजित समारोह में अर्जुन अवार्ड से नवाजेंगी।
हालांकि अर्जुन अवार्ड की सूची में प्रदेश में इस बार उम्मीद से कम खिलाड़ियों के नाम हैं। आइये जानते इन खिलाड़ियों के बारे में कुछ खास बातें।
1 - अंतिम पंघाल
- अंतिम ने सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप डेब्यू में अपने नाम ब्रॉन्ज मेडल कर लिया है।
- पिता ने तीन लड़कियां होने पर चौथी लड़की होने पर अंतिम नाम रख दिया था, लेकिन अंतिम ने साबित कर दिया कि बेटिया भी बेटो से कम नहीं है।
- अंतिम ने अपनी बहन के कहने पर कुश्ती का अभ्यास शुरू किया था।
- शुरुआत में अंतिम ने अपने गांव भगाना गांव में ही प्रैक्टिस शुरू की थी। इसके बाद एक प्राइवेट एकेडमी से कोचिंग ली।
2- सुनील कुमार
- ग्रीको रोमन कुश्ती में 10 साल बाद पहलवान सुनील कुमार को अर्जुन अवार्ड मिलेगा। 2013 के बाद सुनील पहले पहलवान हैं जिनकों अवॉर्ड मिला है।
- हंगरी के बुडापेस्ट में ओलंपिक के लिए ट्रेनिंग पर गए पहलवान सुनील कुमार का कहना है कि वह अपने इस अवार्ड को अपनी मां को समर्पित करेंगे। उनकी मां की मेहनत और आशीर्वाद की वजह से उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है।
- पहलवान सुनील कुमार 9 जनवरी को वापिस भारत लौटेंगे और राष्ट्रपति के हाथों अवार्ड पाने के बाद वापिस ट्रेनिंग के लिए हंगरी लौट जाएंगे।
- सुनील कुमार ने हाल ही में चीन के हांगझोऊ में हुई एशियन गेम्स में भारत को 13 साल बाद कुश्ती में कांस्य पदक दिला कर इतिहास रचा था। सुनील ने ग्रीको रोमन 87 किलोग्राम भारवर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए यह पदक जीता था। इससे पहले वर्ष 2018 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक, 2019 में हुई विश्व रैंकिंग सीरीज में रजत, 2019 में जूनियर एशिया कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य व वर्ष 2019 में हुई सीनियर एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक, वर्ष 2020 में हुई सीनियर एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण, 2020 में हुई विश्व रैंकिंग सीरीज में रजत, 2021 से 2023 तक लगातार सीनियर एशियन चैंपियनशिप में कांस्य, 2022 में हुई सीनियर एशिया अंडर 23 में स्वर्ण, 2022 में हुई विश्व रैंकिंग सीरीज में स्वर्ण, 2023 में हुई वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित कर चुके हैं।
3- दीक्षा डागर
- दीक्षा डागर बांए हाथ की गोल्फर हैं।
- गोल्फर दीक्षा डागर अवार्ड सूची में नाम की घोषणा से काफी उत्साहित है, अपनी जीत के लिए दीक्षा ने अपने कोच, परिवार, समर्थक, भारतीय गोल्फ संघ, डब्ल्यूजीएआइ, भारतीय खेल प्राधिकरण, सहित सभी का आभार व्यक्त किया है।
- दीक्षा ने कहा कि इस तरह के पुरस्कार मिलने से हौसला बढ़ता है और अच्छा करने का दबाव भी बढ़ता है।
- दीक्षा ने कहा 2023 का साल उनके लिए काफी अच्छा है। इसी के साथ-साथ उनका कहना है कि ओलंपिक के लिए वह कड़ी मेहनत कर रही है।
4- रितु नेगी
- रितु नेगी हिमाचल की बेटी और हरियाणा की गोल्डन बहु के नाम से भी जानी जाती हैं।
- रितु ने कहा कि मैंने मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसी की बदौलत मुझे अवार्ड मिल रहा है।
- रितु बताती हैं कि आठवीं कक्षा में कबड्डी खेलना शुरू किया। स्कूल टाइम खत्म के बाद वह अभ्यास करती और फिर घर जाती। रितु ने ये भी बताया कि उनके पिता उनकों मैदान में उतारने से डरते थे।
- रितु के पिता भवान नेगी यूनिवर्सिटी स्तर और चाचा गयार सिंह नेगी भी प्रदेश स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी रहे हैं। रितु अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानती हैं।
100 से ज्यादा खिलाड़ियों को मिल चुका अवॉर्ड
अर्जुन अवार्ड हासिल करने में प्रदेश के सौ से अधिक खिलाड़ी शामिल हैं। खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड देने की शुरुआत 1961 में हुई थी। हरियाणा के 112 खिलाड़ियों को अभी तक अर्जुन अवार्ड मिल चुका है। अर्जुन अवार्ड के अलावा खेल रत्न अवॉर्ड भी प्रदेश के सात खिलाड़ी हासिल कर चुके हैं।
पहलवान उदयचंद बने थे पहले कुश्ती के अर्जुन
हिसार गांव जांडली कलां के ही मूल निवासी करीब 88 वर्षीय उदयचंद का नाम 20वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ पहलवानों में अव्वल आता है। उदय चंद ने भारत सरकार द्वारा कुश्ती में पहली बार अर्जुन अवार्ड हासिल किया था। देश के पहले पहलवान हैं, जिन्हें यह अवार्ड शुरुआत में ही दिया गया था। उदय चंद ने ओलिंपिक में भी देश का तीन बार प्रतिनिधित्व किया, लेकिन मेडल नहीं जीत सके। एशियाड में दो रजत व एक कांस्य पदक उदय चंद के नाम है।
1970 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक के अलावा विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीत चुके हैं।
हरियाणा के पहले अर्जुन अवार्डी मुक्केबाज राजकुमार सांगवान
मुक्केबाजी में हरियाणा को पहला अर्जुन अवार्ड राजकुमार सांगवान ने दिलाया था। राजकुमार सांगवान का जन्म गांव साहुवास, जिला चरखी दादरी में हुआ था, उन्होंने 1996 में अर्जुन पुरस्कार जीता था। वह पहले भारतीय मुक्केबाज हैं, जिन्होंने मुक्केबाजी में एशियाई खेलों में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। 1995 में भी उन्हें चौथा स्थान मिला था।
एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के तुरंत बाद, उन्होंने यूके में पेशेवर मुक्केबाजी में प्रवेश किया। हालांकि बाद में पारिवारिक कारणों के चलते पेशेवर मुक्केबाजी से संन्यास लेना पड़ा।
इन खिलाड़ियों को मिल चुका ध्यानचंद खेल रत्न
- पहलवान योगेश्वर दत्त
- पहलवान साक्षी मलिक
- मुक्केबाज विजेंद्र कुमार
- एथलेटिक नीरज चोपड़ा
- पहलवान बजरंग पूनिया
- पहलवान रवि दहिया
- पैरालंपिक सुमित आंतिल
- पैरालंपिक निशानेबाज मनीष नरवाल
उम्मीद से कम खिलाड़ियों को मिला अर्जुन अवार्ड
सांगवान हरियाणा खेल अवार्डी संघ के महासचिव एवं मुक्केबाजी में हरियाणा के पहले अर्जुन अवार्डी राजकुमार सांगवान ने बताया कि प्रदेश के 112 खिलाड़ी अर्जुन अवार्ड अभी तक हासिल कर चुके हैं। इस बार उम्मीद से कम खिलाड़ियों को यह अवार्ड मिला है। कुश्ती में अंतिम पंघाल, सुनील कुमार और दीक्षा डागर को गोल्ड में अर्जुन अवार्ड मिला है, लेकिन अन्य श्रेणियों में कोई अवार्ड नहीं मिला।
द्रोणाचार्य और खेल रत्न अवार्ड की श्रेणी के भी कई दावेदार थे, जिनका सूची में नाम होना चाहिए था।
अंतिम की मां ने कहा, बेटी तुमने नाम रोशन कर दिया
हिसार के गांव भगाना की रहने वाली 19 वर्षीय अंतिम पंघाल का अर्जुन अवार्ड के लिए नाम चयनित होने पर पिता रामनिवास व माता कृष्णा देवी ने खुशी जताई है। कहा कि बेटी तुमने हमारा नाम रोशन कर दिया।
वहीं कोच विकास व भगत सिंह निजी ने भी अंतिम पंघाल के बारे में कहा कि हमें उस पर गर्व है। अंतिम पंघाल चार बहनों में सबसे छोटी है। पिता ने तीन लड़कियां होने पर चौथी लड़की होने पर अंतिम नाम रख दिया था। लेकिन अंतिम ने साबित कर दिया कि बेटिया भी बेटो से कम नहीं है। अंतिम ने बताया कि उसकी सबसे बड़ी बहन सरिता बैंगलोर में एक यूनिवर्सिटी में कबड्डी कोच है। बहन के कहने पर उसने कुश्ती का अभ्यास शुरू किया था।
शुरुआत में अपने गांव भगाना गांव में ही प्रैक्टिस शुरू की थी। इसके बाद निजी एकेडमी से कोचिंग ली।
सुनील का पेरिस ओलंपिक में गोल्ड का सपना
अंतरराष्ट्रीय ग्रीको रोमन कुश्ती में भारत के सितारे गांव डबरपुर के पहलवान सुनील कुमार का नाम अवार्ड के लिए चयनित होने से जिले में खुशी का माहौल है। परिवार के लोगों ने गांव में लड्डू बांटकर खुशी का इजहार किया।
वहीं सुनील बुडापेस्ट में ओलंपिक क्वालीफायर के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। सुनील मलिक ने दैनिक जागरण को बताया कि वह अवार्ड को मां को समर्पित करेंगे। अब उनकी चाहत खेल रत्न की है। पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतना उनका सपना है।
इंडोनेशिया में खेल रही दीक्षा डागर के लिए शानदार साल रहा 2023
इंडोनेशिया में एशिया पैसिफिक कप के लिए खेल रही बाए हाथ की गोल्फर दीक्षा डागर अवार्ड सूची में नाम की घोषणा से काफी उत्साहित है।
दीक्षा ने कहा कि सम्मान के लिए वह अपने कोच, परिवार, समर्थक, भारतीय गोल्फ संघ, डब्ल्यूजीएआइ, भारतीय खेल प्राधिकरण, सहित उन सभी का आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने प्रारंभ से उन पर विश्वास बनाए रखा। साथ ही इस तरह के पुरस्कार मिलने से हौसला बढ़ता है और अच्छा करने का दबाव भी। 2023 का साल उनके लिए काफी अच्छा है। साथ ही उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि वह ओलंपिक के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।