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    सोफिया में में स्वर्ण जीतने के बाद अब विश्व बाक्सिग चैंपियनशिप जीतने पर ध्यान देंगी नीतू घनघस

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 04 Mar 2022 09:27 PM (IST)

    सोफिया में प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा टूर्नामेंट में अपनी पहली भागीदारी में 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली 21 वर्षीय मुक्केबाज नीतू घनघस ने अपना पूरा ध्यान मई में होने वाली बाक्सिग विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने पर लगाया है। नीतू यहां रोहतक के राजीव गांधी स्टेडियम में बने भारतीय खेल प्राधिकरण के बाक्सिग के सेंटर आफ एक्सीलेंस में प्रैक्टिस करती हैं।

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    सोफिया में में स्वर्ण जीतने के बाद अब विश्व बाक्सिग चैंपियनशिप जीतने पर ध्यान देंगी नीतू घनघस

    जागरण संवाददाता, रोहतक : सोफिया में प्रतिष्ठित स्ट्रैंड्जा टूर्नामेंट में अपनी पहली भागीदारी में 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली 21 वर्षीय मुक्केबाज नीतू घनघस ने अपना पूरा ध्यान मई में होने वाली बाक्सिग विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने पर लगाया है। नीतू यहां रोहतक के राजीव गांधी स्टेडियम में बने भारतीय खेल प्राधिकरण के बाक्सिग के सेंटर आफ एक्सीलेंस में प्रैक्टिस करती हैं।

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    नीतू के मुताबिक स्ट्रैंड्जा मुक्केबाजी टूर्नामेंटों में देश के लिए स्वर्ण जीतकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। नीतू ने बताया कि वे अपनी ताकत और कमजोरियों पर काम करने के लिए कोच भास्कर भट्ट और अन्य कोचों से मार्गदर्शन ले रही हैं। 2012 में बाक्सिग की शुरुआत करने वाली नीतू को अपनी यात्रा में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है। वे साई के नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस रोहतक को अपनी कामयाबी का श्रेय देती हैं। उन्हें 2016 में साई की नेशनल बाक्सिग अकादमी रोहतक में चुना गया था। जहां उन्हें अपेक्षा से अधिक समर्थन मिला है। उन्होंने चोट लगी थी उसका निदान भी वहां किया गया। खेलो इंडिया स्कालर नीतू घनघास को 2020 में टाप्स डेवलपमेंट स्कीम में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि टाप्स में होने से उन्हें पाकेट मनी प्राप्त करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों व अधिकारियों के इस समर्थन के लिए बहुत आभारी हैं, खिलाड़ियों को इस तरह के समर्थन की जरूरत है।

    राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने पर फोकस

    21 वर्षीया नीतू राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना चाहती है। हालांकि, वे जानती है कि भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए उसे कितनी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, साथ ही मैरी काम की प्रतीक्षा भी। उनका अगला लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना है। यह संभव हो सकता है कि चयन ट्रायल में मैरी काम दीदी के खिलाफ उनका मुकाबला हो मुझे उसके साथ मुकाबला करने का मौका मिलने पर खुशी होगी।