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    रोहतक में चार साल की बच्ची की डायबिटीज से मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

    रोहतक में बदलती जीवनशैली और खानपान के कारण चार वर्षीय बच्ची की ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से मौत हो गई। बच्ची टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित थी और उसे इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते थे। जूस पीने के बाद उसका शुगर लेवल 700 तक पहुंच गया जो जानलेवा साबित हुआ। स्वास्थ्य विभाग बच्चों की स्क्रीनिंग करवाता है लेकिन ऐसा मामला पहले कभी सामने नहीं आया था।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 25 Aug 2025 11:08 PM (IST)
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    रोहतक में चार साल की बच्ची की डाइबिटिज से मौत हो गई है। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, रोहतक। बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतें अब बच्चों की सेहत पर गहरा असर डाल रही है। डायबिटीज भी उनमें से एक है। इन दिनों में बच्चों में भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ने और डायबिटीज के मामले सामने आ रहे हैं।

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    रोहतक की हनुमान कॉलोनी में चार वर्षीय लड़की शुगर लेवल ज्यादा होने के कारण मौत हुई है। बच्ची के शरीर में अचानक शुगर लेवल बढ़ जाने कारण उसकी मौत हो गई। चार वर्षीय वर्षा अपने माता पिता की इकलौती संतान थी।

    स्वजन बताते हैं कि बच्ची को करीब एक साल पहले लगातार कई दिन तक बुखार आने पर पीजीआई एमएस रोहतक में भर्ती करवाया था। वहां जांच के बाद पता चला कि उसके शरीर में इंसुलिन की मात्रा बेहद कम है।

    डॉक्टरों ने बताया कि वह टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित है। जिसके बाद से वर्षा को हर दिन चार बार इंसुलिन का इंजेक्शन लगाया जाता था। उसके खानपान से लेकर दवाइयों का विशेष ध्यान रखना पड़ता था।

    कई बार तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हाल ही में कुछ दिन पहले बच्ची ने दो घूंट जूस पी लिया, जिसके बाद उसका शुगर लेवल कंट्रोल नहीं हुआ। बच्ची का शुगर लेवल 700 तक पहुंच गया था।

    जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आंगनबाड़ी व स्कूलों में बच्चों की स्क्रीनिंग करवाई जाती है। जांच के दौरान कोई गंभीर बीमारी सामने आती है तो विभाग की ओर से ही इलाज करवाया जाता है। इस तरीके के केस अब तक पहले कभी सामने नहीं आए हैं।- डॉ. रमेश आर्य, सिविल सर्जन, रोहतक।