कॉलेज के सामने वैलेंटाइन डे पर युवाओं को बुलेट से पटाखे छोड़ना पड़ा भारी, रोहतक में 400 साइलेंसर पर चला बुलडोजर
पुलिस ने शुक्रवार को बाइक के साइलोेंसर से पटाखा बजाने वाले लोगों को सबक सिखाते हुए जाट कॉलेज के सामने बुलेट बाइक से पटाखा की आवाज निकालने वाले 400 साइलेंसर उतारकर उनपर बुल्डोजर चला दिया। सिर्फ साढ़े तीन महीने के अंतराल में ही 400 साइलेंसर बाइक से उतारे गए हैं। इतना ही नहीं किसी भी बुलेट में पटाखा बजता है तो 10500 रुपये का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।
पुलिस ने शुक्रवार को अनोखी कार्रवाई करते हुए जाट कॉलेज के सामने बुलेट बाइक से पटाखे की आवाज निकालने वाले 400 साइलेंसर उतारकर उनपर बुल्डोजर चला दिया। मात्र साढ़े तीन महीने के अंतराल में ही 400 साइलेंसर बाइक से उतारे गए हैं। यह कार्रवाई यातायात पुलिस की ओर से युवाओं को नसीहत देने के लिए की गई।
इसी के कारण कॉलेज के सामने की सड़क का चयन किया गया। पुलिस ने कॉलेज के युवाओं को नसीहत दी कि बुलेट में पटाखा साइलेंसर नहीं बजाएंगे, इससे ध्वनि प्रदूषण होता है और अचानक हुए ज्यादा शोर होने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अधिकतर युवा शिक्षण संस्थानों में जाने के लिए इस तरह से तेज आवाज वाले साइलेंसर का प्रयोग करते हैं।
भविष्य में भी पकड़े जाने पर इसी तरह से कॉलेज या विश्वविद्यालय के सामने साइलेंसर को बुल्डोजर के जरिए कुचला जाएगा। शुक्रवार को नवंबर 2024 से लेकर अब तक के साइलेंसर को नष्ट किया गया है।
साइलेंसर को मॉडिफाई करवा लेते हैं युवा
शहर में बुलेट पर सवार युवा साइलेंसर को मॉडिफाई करवा लेते है और फिर सड़कों पर कालोनी की गलियों में पटाखे की आवाज निकालते है। ऐसे में बुजुर्ग व छोटे बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है।
अब पुलिस ने इसी का सबक सिखाने के लिए पुलिस ने कॉलेज के सामने का स्थान चुना, ताकि युवाओं को मेसेज जा सके कि साइलेंसर में पटाखा छोड़कर शोर करना कानूनी जुर्म है और ऐसा न करें। इसके साथ जब पुलिस साइलेंसर को बुल्डोजर के जरिए कुचला जा रहा था तो युवा भी पुलिस की इस कार्रवाई को देखने के लिए पहुंच गए।
वहीं ट्रैफिक पुलिस की ओर से तीन माह बाद इस तरह की कार्रवाई की जाएगी, ताकि शहर से बुलेट के साइलेंसर में पटाखा लगाने वालों को सबक सिखाया जा सके।
पहली बार हुई यह कार्रवाई
जिला में इस तरह की कार्रवाई पुलिस की ओर से पहली बार की गई। अब ट्रैफिक पुलिस बुलेट से पटाखे बजाने वालों की पहचान करेगी और इसके लिए ट्रैफिक पुलिस की विशेष ड्यूटी रहेगी।
इसमें विश्वविद्यालय, कॉलेज व बड़े स्कूलों के आसपास ट्रैफिक पुलिस की विशेष नजर रहेगी। इतना ही नहीं अगर एक बार चालान होने के बाद दोबारा साइलेंसर में पटाखा मिला तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए भी विशेष प्लानिंग तैयार की गई है।
इतना लगता है जुर्माना
यातायात प्रभारी निरीक्षक जोगेंद्र ग्रेवाल ने कहा कि बुलेट के साइलेंसर में ज्यादातर युवा मोडिफाई करवाकर पटाखे लगा लेते हैं और फिर सार्वजनिक स्थानों पर शोर करते हैं। इन साइलेंसर की आवाज इतनी तेज होती है। इससे कमजोर दिल वाले और दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीज की मौत भी हो सकती है।
अगर किसी भी बुलेट में पटाखा मिलता है, उसका साइलेंसर जब्त किया जाता है और 10,500 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। शुक्रवार को नवंबर 2024 से लेकर अब तक के साइलेंसर को नष्ट किया गया है।
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