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    'अहंकार रूपी अंधकार में डूबा है मानव'

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 28 Apr 2017 08:07 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, रोहतक : माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में तीसरे दिन की पावन बेला में व्यास क ...और पढ़ें

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    'अहंकार रूपी अंधकार में डूबा है मानव'

    जागरण संवाददाता, रोहतक :

    माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में तीसरे दिन की पावन बेला में व्यास केशव कृष्ण महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा कर भक्तों को खुशहाल जीवन जीने का पाठ पढ़ाया। संचालिका मानेश्वरी देवी ने बताया कि भक्तजन तन-मन और लग्न से कथा का आनन्द ले रहे हैं और प्रभु की भक्ति में डूब रहे हैं। व्यास केशव कृष्ण ने कथा का उच्चारण करते हुए कहा कि मनुष्य अहंकार रूपी अंधकार में डूबा हुआ है। जब तक वह अंधकार से बाहर नहीं निकलेगा तब तक उसे सद्गति प्राप्त नहीं हो सकती है। केशव कृष्ण ने बताया कि मनुष्य के अंदर छह सबसे बडे़ शत्रु विराजमान रहते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, इष्र्या, द्वेष। यदि मनुष्य को भगवान की भक्ति चाहिए तो इन उसे सबसे अपने अपने अंदर छिपे छह शत्रुओं का नाश करना होगा, मन को निर्मल बनाना होगा। अंतकरण को शुद्ध करोगे तो ही नारायण प्राप्त हो सकते हैं। सनकादि ऋषियों और जय विजय का संवाद सुनाते हुए कहा कि प्रभु के भक्तों को कभी भी क्रोध नहीं करना चाहिए। क्रोध करने से हमारा जो पुण्य एवं जो धर्म होता है वह नष्ट हो जाता है। उन्होंने बताया कि यदि मनुष्य एक वर्ष तक अच्छे कार्य करके फल पाते हैं तो क्रोध उसे एक मिनट में नष्ट कर देता है।

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    मानेश्वरी देवी ने कहा कि गरीब लोगों को भोजन का दान सबसे बड़ा दान है। अगर हम अपनी नेक कमाई में से किसी वंचित बंधु को भोजन करवाए तो यह बड़े ही पुण्य की बात होगी। उन्होंने कहा कि हमारा दान तभी लगता है जब वह किसी के काम आए। एक भूखे-प्यासे व्यक्ति को अगर भोजन मिल जाए तो उसके लिए उससे बड़ा कोई सुख नहीं है।

    इस अवसर पर सचिव गुलशन भाटिया, एडवोकेट पीएन कथूरिया, पं. अशोक शर्मा, पृथ्वीराज भाटिया, हनुमान सेवा दल व संकट मोचन संकीर्तन मंडली ने सेवा में अपना सहयोग किया।